French Open:  फ्रांस की राजधानी पेरिस में भारत की नंबर एक पुरुष बैडमिंटन जो़ड़ी, सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी, अपना कमाल दिखा रही है। इस जोड़ी ने एक कमाल का प्रदर्शन कर मौजूदा विश्व चैंपियन जोड़ी जापान के ताकुरो होकी और यूगो कोबायाशी को हरा दिया है और फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल में अपनी जगह पकी कर ली है इसके साथ ही टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती बनी हुई है।

दसवीं वरीयता प्राप्त चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी ने शीर्ष वरीयता प्राप्त जापानी खिलाड़ियों ताकुरो होकी और यूगो कोबायाशी को 49 मिनट में 23-21, 21-18 से हराया। जापान की यह जोड़ी 2021 में पुरुष युगल में विश्व चैंपियन बनी थी।सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय जोड़ी का सामना दक्षिण कोरिया के चोई सोल ग्यु और किम वोन हो से होगा। चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी ने इस महीने की शुरुआत में जापानी जोड़ी को विश्व चैंपियनशिप से बाहर कर कांस्य पदक जीता था। इस मैच में भी भारतीय जोड़ी ने मजबूत शुरुआत की और जल्दी से 20-16 की बढ़त बना ली। फिर भी, ताकुरो होकी और यूगो कोबायाशी ने चार गेम अंक बचाकर स्कोर को 20 पर बराबर कर दिया। हालांकि, 2022 राष्ट्रमंडल खेलों की चैंपियन भारतीय टीम ने संयम बनाए रखा और पहला गेम अपने नाम किया।

दूसरा गेम भी उतना ही रोमांचक रहा। दुनिया की नंबर एक पुरुष जोड़ी ताकुरो होकी और यूगो कोबायाशी ने 18-16 की बढ़त बनाई, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने लगातार पांच अंक लेकर मैच अपने नाम कर लिया।
चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी ने जापानी जोड़ी के खिलाफ चार मैच खेले हैं और तीन में जीत हासिल की है। इससे पहले किदांबी श्रीकांत फ्रेंच ओपन 2022 बीडब्ल्यूएफ सुपर 750 प्रतियोगिता के दूसरे दौर में डेनमार्क के रासमस गेमके के खिलाफ बढ़त बनाकर पुरुष एकल मैच हार गए थे।

भारतीय जोड़ी का सामना अब सेमीफाइनल में चोई सोल गयू और किम वोन हो की कोरियाई जोड़ी से होगा. भारतीयों में अब टूर्नामेंट में रंकीरेड्डी और शेट्टी की जोड़ी ही बची है. मेंस सिंगल्स में भारत के प्रमुख खिलाड़ियों के लिए फ्रेंच ओपन खास अच्छा नहीं रहा. पूर्व विश्व नंबर एक किदाम्बी श्रीकांत और वर्ल्ड चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट एचएस प्रणॉय एक दिन पहले ही प्री-क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गए थे. वहीं समीर वर्मा भी इस राउंड से आगे नहीं बढ़ सके थे. महिलाओं में पीवी सिंधु की चोट की वजह से पिछले किसी भी टूर्नामेंट में कोई बड़ी चुनौती पेश नहीं हो सकी है.