Indian Football Crisis: भारतीय फुटबॉल में चल रहे विवाद के बीच, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में संस्था ने हमेशा उचित प्रक्रियाओं का पालन किया है।
Indian Football Crisis: “अगर भ्रष्टाचार होता, तो कोई लाल झंडी जरूर उठती”
कल्याण चौबे ने कहा, “अगर कोई भ्रष्टाचार था, तो उसे अवश्य ही देखा गया होगा या लाल झंडी दिखाई गई होती। यह आरोप केवल 3-4 लोगों द्वारा लगाए गए हैं, जो या तो मेरी टीम के खिलाफ चुनाव हार चुके हैं या पूर्व में AIFF का हिस्सा रहे हैं।”
Indian Football Crisis: “मेरे परिवार को भी निशाना बनाया गया”
उन्होंने यह भी बताया कि इस विवाद के चलते उनका और उनके परिवार का भावनात्मक उत्पीड़न किया गया है। “मैं केवल तथ्य और आंकड़े ही पेश करता हूं,” उन्होंने कहा। चौबे ने यह भी याद दिलाया कि“बाईचुंग भूटिया, जो भारत के महानतम स्ट्राइकरों में से एक हैं, AIFF के सलाहकार थे और उन्हें ₹1.5 लाख मासिक मानदेय दिया जाता था।”
Indian Football Crisis: “भ्रष्टाचार रोकने के लिए ही बनी है कार्यकारी समिति”
AIFF अध्यक्ष ने कहा कि उनके कार्यकाल में 13 महीनों में 11 कार्यकारी समिति की बैठकें हुई हैं। इनका उद्देश्य ही यह सुनिश्चित करना है कि यदि कहीं कोई अनियमितता हो, तो उसे लोकतांत्रिक तरीके से रोका जा सके।
Indian Football Crisis: बाईचुंग भूटिया पर किया पलटवार
हाल ही में बाईचुंग भूटिया ने AIFF अध्यक्ष पर हमला बोलते हुए कहा था,M“कल्याण चौबे को भारतीय फुटबॉल की खातिर पद छोड़ देना चाहिए।” इसके जवाब में चौबे ने भूटिया की वाणिज्यिक फुटबॉल अकादमियों पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि “वह अपने नाम से व्यावसायिक फुटबॉल स्कूल चलाते हैं—देशभर में लगभग 20 स्कूल। और इन स्कूलों के ज़रिए वे लोगों की भावनाओं से खेलकर अनुचित लाभ उठा रहे हैं।”
Indian Football Crisis: “BBFS की टीम 31-0 से हारी थी”
चौबे ने भूटिया की अकादमी की खराब प्रदर्शन का भी ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि “BBFS की अंडर-17 टीम ने 31 मार्च को मिनर्वा अकादमी से 31-0 से हार झेली थी।” AIFF अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह की हार दिखाती है कि “सिर्फ बड़ा नाम होने से अकादमी की गुणवत्ता नहीं बनती।”
Indian Football Crisis: “सपनों का व्यापार हो रहा है”
कल्याण चौबे ने भावुक होते हुए कहा, “भूटिया ने परिवारों को यह सपना दिखाया कि अगर आप मेरी अकादमी से जुड़ते हैं, तो आप भी फुटबॉलर बन सकते हैं। लेकिन परिणाम सबके सामने हैं।”
Indian Football Crisis: AIFF और बाईचुंग भूटिया के बीच यह विवाद भारतीय फुटबॉल में गहराते अविश्वास और पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है। जहां एक ओर अध्यक्ष चौबे खुद को निर्दोष बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पूर्व कप्तान भूटिया सिस्टम में गहरी खामियां बता रहे हैं। अब देखना यह होगा कि यह टकराव आगे क्या रूप लेता है—सुधार की ओर कदम या और विवाद?
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