Prime Volleyball League 2025: कहते हैं किस्मत हर किसी को मौका नहीं देती। पर जो मौकों को पकड़ ले, वही असली खिलाड़ी होता है। Prime Volleyball League में ऐसा ही एक नाम उभरा है – Shameemudheen। पहले सीजन में कोई टीम इंटरेस्ट नहीं दिखा रही थी, और आज वही खिलाड़ी ₹22.5 लाख की भारी कीमत में लीग का हिस्सा बना है। इंडिया न्यूज़ के लिए Ashvin Mishra ने Shameemudheen से एक खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपने संघर्ष, मेहनत और सफलता की कहानी साझा की।
Prime Volleyball League 2025 पहला सीजन: न बोली लगी, न ताली
Ashvin Mishra: पहले सीजन में किसी भी टीम ने आप में इंटरेस्ट नहीं लिया। आज आप लीग के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं। इस सफर को आप प्रोफेशनली और इमोशनली कैसे देखते हैं?
Shameemudheen: सर, ऑक्शन में जब मेरा नाम नहीं आया तो काफी दुख हुआ। लेकिन किस्मत ने एक दरवाज़ा खोला जब एक खिलाड़ी की चोट के चलते मुझे कोलकाता टीम में बुलाया गया। उसी दिन मैंने बिना एक पल गंवाए बेस प्राइस पर साइन कर लिया। दो-तीन मैच खेलने का मौका मिला और हमने ट्रॉफी भी जीती। वहीं से सफर बदल गया।
मुंबई से नया अध्याय
2022 में जब मुंबई Meteors ने लीग में डेब्यू किया, तो Shameemudheen टीम के पहले तीन खिलाड़ियों में से एक चुने गए। उन्होंने इसे अपनी ज़िंदगी का टर्निंग पॉइंट बताया।
Shameemudheen: मुंबई ने मुझ पर भरोसा दिखाया। मैंने अपने खेल में सुधार के लिए एक्स्ट्रा वर्कआउट शुरू किया, ट्रेनर हायर किया और गेम को गहराई से समझने लगा। जब टीम ने मुझे तीसरे सीजन के लिए रिटेन किया, तो मैं समझ गया कि अब मेरी जिम्मेदारी दोगुनी है।
Prime Volleyball League 2025 सीज़न 3 में धमाल: चौथे टॉप ब्लॉकर
तीसरे सीजन में Shameemudheen ने 16 ब्लॉक्स किए और लीग के चौथे सबसे सफल ब्लॉकर बने।
Shameemudheen: ब्लॉकिंग सिर्फ ताकत का खेल नहीं है, यह कंसंट्रेशन और टीम डिफेंस का भी हिस्सा है। मैंने इसी पर काम किया और नतीजे सामने हैं।
महंगे खिलाड़ी बनने का दबाव
Ashvin Mishra: जब आप सबसे महंगे खिलाड़ी बनते हैं तो प्रेशर भी बढ़ता है। आप उसे कैसे मैनेज करते हैं?
Shameemudheen: बिल्कुल प्रेशर रहता है। लेकिन वो प्रेशर मेरे लिए मोटिवेशन है। अगर टीम ने मुझ पर विश्वास दिखाया है तो मेरा भी फर्ज है कि मैं उसे पूरा करूं। इसीलिए मैं और मेहनत करता हूं, खुद को लगातार बेहतर करने की कोशिश करता हूं।
अनसोल्ड खिलाड़ियों के लिए मैसेज
Ashvin Mishra: जो युवा खिलाड़ी पहले सीजन में अनसोल्ड रह जाते हैं, उनके लिए आपका क्या संदेश है?
Shameemudheen: मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं है। आज नहीं तो कल मेहनत का फल ज़रूर मिलता है। मैं खुद ग्राउंड में लगातार मेहनत करता रहा और आज यहां तक पहुंचा हूं।
फुटबॉल से वॉलीबॉल तक का सफर
Ashvin Mishra: वॉलीबॉल के अलावा कौन सा खेल पसंद है? और आपका फेवरेट स्पोर्ट्सपर्सन कौन है?
Shameemudheen: गांव में पहले वॉलीबॉल नहीं, फुटबॉल खेलता था। आज भी फुटबॉल मेरा पसंदीदा खेल है। मेरी प्रेरणा वहीं से आती है।
Shameemudheen की कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी की कामयाबी नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है उन सभी युवाओं के लिए जो पहली कोशिश में नाकाम हो जाते हैं। अगर जुनून है, मेहनत है और भरोसा है – तो एक अनसोल्ड खिलाड़ी भी लाखों में बिकने वाला स्टार बन सकता है।