India News (इंडिया न्यूज), PSL 2025: पाकिस्तान अक्सर सेना, तकनीक और क्रिकेट के मामले में भारत से अपनी तुलना करता है। हालांकि, वह कहीं भी भारत की बराबरी नहीं कर पाता। अब पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) का ही उदाहरण ले लीजिए। पाकिस्तान ने IPL की नकल करके पाकिस्तान सुपर लीग की शुरुआत की थी। हालांकि, PSL कभी भी IPL जैसी लोकप्रियता हासिल नहीं कर सका। इस बार भी लाहौर कलंदर्स ने फाइनल में क्वेटा ग्लैडिएटर्स को हराकर तीसरी बार खिताब जीता, लेकिन इस जीत से ज्यादा चर्चा PSL में मिलने वाली पुरस्कार राशि की हो रही है, जो पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति के बारे में बताती है।
आईपीएल के सामने PSL की पुरस्कार राशि चिल्लर
PSL का फाइनल 24 मई 2025 को खेला गया, जिसमें लाहौर कलंदर्स ने 202 रनों का पीछा करते हुए क्वेटा ग्लैडिएटर्स को 6 विकेट से हराकर तीसरी बार PSL का खिताब अपने नाम किया। लाहौर कलंदर्स को जीत के लिए पुरस्कार राशि के तौर पर सिर्फ 4.25 करोड़ रुपये दिए गए। वहीं अगर आईपीएल की बात करें तो इस लीग की शुरुआत 2008 में हुई थी। 18 साल पहले जब पहली बार इस टूर्नामेंट का आयोजन हुआ था, तब राजस्थान रॉयल्स को 4.80 करोड़ रुपए दिए गए थे। यानी आज पाकिस्तान की इनामी राशि भारत के 18 साल के मानक तक भी नहीं पहुंच पाई है। इतना ही नहीं आईपीएल की मेगा नीलामी में कई अनकैप्ड खिलाड़ी पीसीएल की पूरी इनामी राशि से भी ज्यादा कीमत पर बिकते हैं।
पीएसएल की इतनी कम इनामी राशि बताती है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी अच्छी नहीं है। आज देश कर्ज में डूबा हुआ है और लगातार आईएमएफ से मदद की गुहार लगा रहा है।
लाहौर कलंदर्स के लिए हीरो बने सिकंदर रजा
मैच की बात करें तो फाइनल मैच लाहौर कलंदर्स और क्वेटा ग्लैडिएटर्स के बीच खेला गया, जिसमें जिम्बाब्वे के ऑलराउंडर सिकंदर रजा मैच शुरू होने से ठीक 10 मिनट पहले इंग्लैंड से टीम में शामिल हुए और टीम को जीत दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाई।