प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलों की परिवर्तनकारी शक्ति को रेखांकित करते हुए कहा है कि खेलो इंडिया बीच गेम्स (KIBG) भारत के खेल इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होंगे। केंद्र शासित प्रदेश दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव तथा भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) को भेजे गए अपने शुभकामना संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आयोजन भारत के खेल कैलेंडर में नई लहरें पैदा करेगा।
“सूरज, रेत और समुद्र का संगम खेलों का उत्सव”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सूरज, रेत और समुद्र का संगम इन खेलों को जहां शारीरिक चुनौती बनाता है, वहीं यह हमारे तटीय विरासत का उत्सव भी है। जैसे-जैसे लहरें तटों से टकरा रही हैं और एथलीट प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, भारत खेलों में नया इतिहास लिख रहा है।”
भव्य उद्घाटन समारोह में सांस्कृतिक झलकियां
इस आयोजन का उद्घाटन केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दीव के घोघला बीच पर एक रंगारंग समारोह में किया। उद्घाटन समारोह में भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने वाले पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए गए।
1350 एथलीट, 6 प्रतिस्पर्धाएं, 2 डेमो खेल
इस खेल महाकुंभ में भारत के 30 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 1350 से अधिक एथलीट भाग ले रहे हैं। कुल छह पदक स्पर्धाएं —
-
बीच सॉकर
-
वॉलीबॉल
-
सेपक टकरॉ
-
कबड्डी
-
पेन्चक सिलाट
-
ओपन वॉटर स्विमिंग
इसके अलावा, मल्लखंभ और रस्साकशी दो गैर-पदक (डेमो) खेल के रूप में शामिल हैं।
“खेलों की ऊर्जा – राष्ट्र निर्माण की शक्ति”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “खेल एक भाषा है जो विविधताओं को जोड़ती है। यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि राष्ट्रीय गौरव और युवा आकांक्षाओं का प्रतीक है। खेलो इंडिया बीच गेम्स इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हैं।”
“यह केवल आयोजन नहीं, बीच स्पोर्ट्स क्रांति है”
डॉ. मांडविया ने कहा, “आज हम सिर्फ एक आयोजन का उद्घाटन नहीं कर रहे, बल्कि भारत की पहली बीच स्पोर्ट्स क्रांति का आगाज कर रहे हैं। जहां लहरें हों, वहां जुनून होना चाहिए; जहां रेत हो, वहां उत्साह की आग होनी चाहिए।”
खेल को रोज़गार और मिशन से जोड़ने का संकल्प
डॉ. मांडविया ने ज़ोर देकर कहा कि मोदी सरकार में खेल केवल शोपीस नहीं, बल्कि रोज़गार, फिटनेस और भविष्य का माध्यम हैं। उन्होंने बताया कि भारत अब फिटनेस-सजग राष्ट्र बन रहा है और खेल संस्कृति “नया सामान्य” बन चुकी है।
खेलो इंडिया केंद्र और उत्कृष्टता केंद्र से मिल रही मजबूती
उन्होंने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश के तीन जिलों में चार खेलो इंडिया केंद्र (KICs) स्थापित किए गए हैं। साथ ही, सिलवासा में एक स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में टेबल टेनिस, तीरंदाजी और एथलेटिक्स में खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।