भारतीय खेल जगत के सितारों ने 17 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में अपनी चमक बिखेरी, जहां भारत के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्रस्तुत किए गए। इस शानदार कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की, जिन्होंने खेल जगत के उत्कृष्टतम चेहरों को सम्मानित किया। खेलों में भारत के शानदार प्रदर्शन को मान्यता देने वाले इस समारोह ने न केवल विजेता खिलाड़ियों को मान्यता दी, बल्कि उनके कोचों, प्रशिक्षकों और संस्थाओं को भी सराहा जो उनके संघर्ष और सफलता के पीछे खड़े रहे।

खेलों में भारत की उत्कृष्टता का प्रतीक: मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार

भारत का सबसे बड़ा खेल सम्मान, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, इस वर्ष चार प्रमुख खिलाड़ियों को दिया गया। इस सम्मान ने भारतीय खेल जगत में उनकी अद्वितीय उपलब्धियों को मान्यता दी, जिनमें शामिल हैं:

  • मनु भाकर (शूटिंग): डबल ओलंपिक पदक विजेता, जिन्होंने भारतीय शूटिंग को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई।
  • डी. गुकेश (शतरंज): विश्व शतरंज में सबसे युवा चैंपियन बने, और भारत को शतरंज में एक और ऐतिहासिक जीत दिलाई।
  • हर्मनप्रीत सिंह (हॉकी): पुरुष हॉकी टीम के कप्तान जिन्होंने टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में भारत को कांस्य पदक दिलवाए, और भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
  • प्रवीण कुमार (पैरा-अथलेटिक्स): पैरा-अथलेटिक्स में हाई जंप में स्वर्ण पदक जीतने वाले, जिन्होंने अपनी अपार मेहनत से देश का नाम रोशन किया।

पैरा-खेलों की शान: भारत का पैरा-एथलीट प्रदर्शन

2025 राष्ट्रीय खेल पुरस्कार में पैरा-एथलीटों का प्रदर्शन अत्यंत सराहनीय रहा, खासतौर से पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में भारत की शानदार उपलब्धियों को देखते हुए। भारत ने कुल 29 पदक जीते, जिसमें 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य शामिल थे। इस सफलता के कारण, पुरस्कार वितरण में 17 पैरा-एथलीटों को विशेष सम्मान मिला।

  • राकेश कुमार (पैरा-अथलेटिक्स): हाई जंप में उनके शानदार प्रदर्शन को मान्यता दी गई।
  • नितेश कुमार (पैरा-बैडमिंटन): बैडमिंटन में उनके अद्वितीय कौशल को सराहा गया।
  • मोनिका अग्रवाल (पैरा-शूटिंग): शूटिंग में उनकी जीत ने भारत को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाई।

इन पैरा-एथलीटों की सफलता और संघर्ष ने न केवल भारत में खेल संस्कृति को बढ़ावा दिया बल्कि पूरी दुनिया में पैरा-खेलों को एक नई दिशा दी।

अर्जुन पुरस्कार: भारत के खेल सितारे

इस वर्ष के अर्जुन पुरस्कार में कुल 32 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया, जिनमें से 17 पैरा-एथलीट थे। यह पुरस्कार उन खिलाड़ियों को दिया गया जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।

  • ज्योति याराजी (एथलेटिक्स): हर्डल्स में उनकी सफलता ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिलाया।
  • अनु रानी (एथलेटिक्स): जैवलिन थ्रो में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से उन्होंने अर्जुन पुरस्कार हासिल किया।
  • नीतू (बॉक्सिंग): महिला फ्लाईवेट बॉक्सिंग में उनकी अद्वितीय सफलता को सराहा गया।

लाइफटाइम अर्जुन पुरस्कार: मुरलीकांत पेटकर

मुरलीकांत राजाराम पेटकर, भारत के पहले पैरा-स्विमिंग स्वर्ण पदक विजेता, को लाइफटाइम अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। 80 वर्षीय पेटकर ने न केवल भारत का नाम रोशन किया बल्कि अपने संघर्ष और दृढ़ता से करोड़ों भारतीयों के दिलों में एक स्थायी स्थान बना लिया है।

द्रोणाचार्य पुरस्कार: खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने वाले अद्वितीय कोच

खिलाड़ियों के सफलता के पीछे उनके कोचों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। इस साल दीपाली देशपांडे (शूटिंग कोच) और आर्मंडो एग्नेलो कोलाको (फुटबॉल कोच) को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इनके मार्गदर्शन में प्रशिक्षित खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को गर्व महसूस कराया।

खास पल: प्रणव सुमेरा का स्वागत

इस वर्ष के समारोह का एक भावनात्मक और प्रेरणादायक पल था जब प्रणव सुमेरा, व्हीलचेयर से बंधे पैरा-अथलीट को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्वागत किया गया। प्रणव के अद्वितीय संघर्ष और समर्पण ने समूचे भारत को प्रेरित किया।

समारोह में इन विशेषताओं को मान्यता देने का उद्देश्य भारत में खेलों की गुणवत्ता को बढ़ावा देना और आगामी पीढ़ी को प्रेरित करना था। राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2025 ने न केवल खिलाड़ियों और कोचों को सम्मानित किया, बल्कि भारतीय खेल संस्कृति को एक नई दिशा देने का कार्य किया, जिससे युवा खिलाड़ी अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित हो सकें।