Neeraj Chopra Classic 2025: भारत के ओलंपिक चैंपियन और विश्व विजेता भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर देश को गौरवान्वित करते हुए Neeraj Chopra Classic 2025 का खिताब जीत लिया। बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में आयोजित इस ऐतिहासिक प्रतियोगिता में नीरज ने 86.18 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
यह प्रतियोगिता भारत की पहली वर्ल्ड एथलेटिक्स स्वीकृत गोल्ड लेवल मीट है, जिसका आयोजन खुद नीरज चोपड़ा ने JSW Sports के साथ मिलकर किया। यह आयोजन भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
L to R silver medallaist -Julius Yego, gold medalist – Neeraj Chopra, bronze medallist – Rumesh Pathirage
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स्वर्ण पदक: नीरज चोपड़ा (भारत) – 86.18 मीटर
रजत पदक: जूलियस येगो (केन्या) – 84.51 मीटर
कांस्य पदक: रमेश पथिरगे (श्रीलंका) – 84.34 मीटर
27 वर्षीय नीरज ने पहले प्रयास में फाउल किया, जबकि केन्या के जूलियस येगो ने 79.97 मीटर के थ्रो के साथ बढ़त बनाई। लेकिन नीरज ने दूसरे प्रयास में 82.99 मीटर की थ्रो कर मुकाबले में वापसी की। फिर तीसरे प्रयास में 84.34 मीटर फेंककर श्रीलंका के रमेश पथिरगे ने सभी को चौंका दिया और बढ़त बना ली।
इसके बाद आए नीरज के तीसरे प्रयास ने पूरा स्टेडियम हिला दिया – 86.18 मीटर का भाला फेंकते ही उन्होंने खुद भी मैदान पर जश्न मनाना शुरू कर दिया। दर्शकों ने खड़े होकर तालियों और नारों से उनका स्वागत किया। केन्या के जूलियस येगो, जो 2015 वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं, ने चौथे प्रयास में 84.51 मीटर का थ्रो किया और रजत पदक हासिल किया। इस थ्रो ने भारत के सचिन यादव को पदक की दौड़ से बाहर कर दिया।
भारत के सचिन यादव ने 82.33 मीटर और यशवीर सिंह ने 79.65 मीटर थ्रो के साथ अंतिम आठ में जगह बनाई। सचिन यादव एक समय पदक की दौड़ में थे, लेकिन जूलियस येगो ने अपने सीज़न बेस्ट प्रदर्शन (84.51 मीटर) के साथ उन्हें पीछे छोड़ दिया।
2016 ओलंपिक चैंपियन थॉमस रोहलर (जर्मनी) इस प्रतियोगिता में प्रभाव नहीं छोड़ सके। उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो सिर्फ 75.85 मीटर रहा और वह पहले तीन प्रयासों के बाद ही बाहर हो गए। यह उनके करियर के अंतिम वर्षों में एक झटका माना जा रहा है।
खिताब जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने कहा “मैं दूरी से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं, लेकिन मौसम में तेज़ हवा थी। घरेलू दर्शकों के सामने खेलने का दबाव हमेशा होता है। मैं दो अन्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर आया था, इसलिए थोड़ा थका हुआ था, लेकिन खुश हूं कि जीत हासिल हुई।” उन्होंने सभी आयोजकों और दर्शकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे भविष्य में भारत में और भी विश्व स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिताएं आयोजित करने की कोशिश करेंगे।
यह प्रतियोगिता भारतीय खेल इतिहास में एक नई शुरुआत है। भारत में पहली बार गोल्ड-लेवल वर्ल्ड एथलेटिक्स मीट आयोजित हुई है, और वह भी नीरज चोपड़ा के नाम पर। यह आयोजन भारतीय खेलों को वैश्विक मानकों पर लाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह सिर्फ खिलाड़ी नहीं, बल्कि भारतीय खेलों की प्रेरणा हैं। नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025 की यह जीत आने वाले पेरिस ओलंपिक 2024 से पहले उनके आत्मविश्वास को और मजबूत करेगी।
नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025 सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि भारतीय खेल इतिहास का एक मील का पत्थर है। नीरज ने न केवल पदक जीता, बल्कि एक वैश्विक स्तर का मंच भारत में तैयार कर दिखाया। इस तरह के आयोजनों से निश्चित ही भारतीय युवा एथलीटों को प्रेरणा मिलेगी और देश में ओलंपिक खेलों की संस्कृति मजबूत होगी।
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