वैभव शुक्ला, नई दिल्ली:
ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने गुरुवार देर रात ज्यूरिख में डायमंड लीग फाइनल में नया इतिहास रच दिया है। वह डायमंड लीग ट्रॉफी जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में ही 88.44 मीटर का थ्रो कर अपने लिए पदक पक्का कर लिया।
दूसरे प्रयास में ही पक्का किया पदक
नीरज चोपड़ा का पहला प्रयास अयोग्य घोषित कर दिया गया। लेकिन उन्होंने हार न मानते हुए अपने दूसरे प्रयास में 88.44 मीटर का थ्रो दर्ज किया। अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने 88 मीटर और चौथे प्रयास में 86.11 मीटर का थ्रो किया। नीरज का पांचवां प्रयास 87 मीटर था। इसके बाद अपने आखिरी प्रयास में उन्होंने 83.60 मीटर का थ्रो किया।
विश्व चैंपियनशिप में भी रचा इतिहास
नीरज ओलंपिक स्वर्ण और विश्व चैंपियनशिप का रजत जीतने वाले पहले भारतीय हैं। लुसाने में हुई डायमंड लीग का खिताब जीतने वाले भी नीरज पहले भारतीय एथलीट बने थे। लुसाने चरण में नीरज ने पहले प्रयास में भाला 89.08 मीटर दूर फेंका था। यह उनके करियर का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास था।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में नहीं लिया था हिस्सा
इस साल जुलाई महीने में नीरज वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल भी जीत चुके हैं। विश्व चैंपियनशिप के बाद वह चोटिल हो गए थे। इस कारण वह बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में हिस्सा नहीं ले पाए थे। उन्होंने चोट से उबरते हुए लुसान डायमंड लीग में 89.08 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता था। पानीपत के 24 वर्षीय नीरज ने 2017 और 2018 में डायमंड लीग के फाइनल के लिए क्वालिफाई किया था, लेकिन तब वह सातवें और चौथे स्थान पर रहे थे।
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