India News (इंडिया न्यूज),Pakistan: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से मेजबान पाकिस्तान बाहर हो गया है। बता दें 29 साल के लम्बे इंतजार के बाद पाकिस्तान किसी भी तरह की ICC टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा था। लेकिन टूर्नामेंट से बाहर होना पाकिस्तान के लिए बड़ा झड़का है। अब पाकिस्तान की मुश्किलें और भी बढ़ती जा रही हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी के लिए अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए प्रायोजक जुटाना भी कड़ी चुनौती बन गया है।
PCB की बढ़ी मुश्किलें
पाकिस्तान क्रिकेट एक बार फिर मुश्किल में है और इस बार चैंपियंस ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय टीम के लिए प्रायोजक जुटाना भी हुक्मरानों के लिए चुनौती बन सकता है। भारत ने रविवार को दुबई में पाकिस्तान को 6 विकेट से हरा दिया, जिसके कारण मेजबान टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई। भारत से हारने से एक दिन पहले ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड मैच के लिए गद्दाफी स्टेडियम में लोगों की भारी भीड़ देखकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अधिकारी आत्मविश्वास से भरे हुए थे।
बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, ‘लोगों की प्रतिक्रिया और पाकिस्तान के अलावा अन्य लोगों द्वारा मैच का आनंद लेना उत्साहजनक अनुभव था।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन अब चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि पाकिस्तान में बचे हुए मैचों के लिए दर्शकों की भीड़ आती रहे क्योंकि हम 29 साल बाद इतने बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहे हैं।’
आठ टीमों की चैंपियंस ट्रॉफी 1996 के विश्व कप के बाद पाकिस्तान में पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) टूर्नामेंट है और उम्मीद थी कि घरेलू टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी। सोमवार को न्यूजीलैंड की जीत का मतलब है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों ही टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं।
टीम की ब्रांड वैल्यू को लग सकता है झटका
बोर्ड की वाणिज्यिक इकाई के एक विश्वसनीय सूत्र ने कहा कि अगर पाकिस्तान सेमीफाइनल में नहीं भी खेलता है तो भी पीसीबी को कोई बड़ा वित्तीय झटका नहीं लगेगा क्योंकि केवल गेट स्लिप और मैदान की आय के अन्य स्रोत प्रभावित होंगे। लेकिन मुश्किल में फंसी टीम की ‘ब्रांड वैल्यू’ प्रभावित होने वाली है।
उन्होंने कहा, ‘हमें मेजबानी शुल्क, टिकट बिक्री सहित आईसीसी राजस्व में अपनी हिस्सेदारी की गारंटी है, लेकिन अन्य मुद्दे भी हैं जैसे लोगों का इस बड़े टूर्नामेंट में रुचि कम होना और प्रसारकों का आधे-अधूरे स्टेडियम दिखाना आदि और सबसे बड़ी चिंता यह है कि यहां क्रिकेट के प्रति दीवानगी के बावजूद भविष्य में पाकिस्तान क्रिकेट को एक ब्रांड के तौर पर बेचना आसान नहीं होगा।’