India News (इंडिया न्यूज), R Ashwin Retirement:भारत के अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बुधवार को अचानक संन्यास लेकर सबको चौंका दिया। उन्होंने खेल के तीनों फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है। हालांकि, वह घरेलू टूर्नामेंट और आईपीएल खेलते रहेंगे। अश्विन कप्तान रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे। वहां उन्होंने अपने संन्यास का ऐलान किया। इस दौरान रोहित ने खुलासा किया कि उन्होंने आर अश्विन से पिंक बॉल टेस्ट के लिए रुकने को कहा था। अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहुंचने के बाद ही संन्यास लेने का फैसला किया। एडिलेड डे नाइट टेस्ट में खेलने वाले अश्विन को पर्थ और ब्रिसबेन में होने वाले टेस्ट के लिए टीम में नहीं चुना गया। रोहित ने खुलासा किया कि अश्विन 19 दिसंबर को टीम छोड़कर स्वदेश लौट आएंगे।

रोहित को पर्थ पहुंचने पर पता चला संन्यास का फैसला

अश्विन के संन्यास के फैसले के बाद रोहित ने खुलासा किया कि उन्हें अश्विन के फैसले के बारे में पर्थ पहुंचने पर पता चला। भारतीय कप्तान ने खुलासा किया कि अश्विन टीम की योजनाओं और संयोजन को समझते हैं और इसलिए उन्होंने ब्रिसबेन में मैच के बाद संन्यास की घोषणा की। रोहित ने कहा, ‘जब मैं पर्थ आया तो मैंने आर अश्विन के संन्यास के बारे में सुना। मैं टेस्ट के पहले कुछ दिनों तक वहां नहीं था। तभी से यह बात उनके दिमाग में थी। जाहिर है इसके पीछे कई बातें हैं।

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‘अश्विन संयोजन के बारे में समझते हैं’

रोहित ने कहा, ‘अश्विन खुद इसका जवाब दे पाएंगे। वह समझते हैं कि हम किस तरह के संयोजन के बारे में सोच रहे हैं। जब हम यहां आए थे, तब भी हमें यकीन नहीं था कि कौन सा स्पिनर खेलने वाला है। हम सिर्फ यह आकलन करना चाहते थे कि हम किस तरह की परिस्थितियों में खेलेंगे। लेकिन हां, जब मैं पर्थ पहुंचा, तो हमने बात की और किसी तरह उन्हें गुलाबी गेंद के टेस्ट मैच के लिए रुकने के लिए राजी किया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्हें लगा कि अगर अभी सीरीज में मेरी जरूरत नहीं है, तो बेहतर होगा कि मैं खेल को अलविदा कह दूं।’

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‘अश्विन को फैसला लेने की इजाजत है’

रोहित ने कहा, ‘अश्विन को ध्यान में रखते हुए, अगर वह ऐसा सोचते हैं, तो हमें उन्हें ऐसा सोचने देना चाहिए। हम सभी को उनके फैसले का समर्थन करना चाहिए। मैं अभी यही सोच रहा हूं और गौतम गंभीर की भी यही मानसिकता है। यह महत्वपूर्ण है कि उनके जैसे खिलाड़ी, जिन्होंने टीम के साथ शानदार क्षण बिताए हैं, को इस तरह का निर्णय लेने की अनुमति दी जाए।’