राष्ट्रीय युवा महोत्सव के अवसर पर आयोजित ‘विकसित भारत युवा नेताओं संवाद’ में शामिल होते हुए युवा मामले और खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे ने युवाओं के महत्व, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण, और कामकाजी घंटों के मुद्दे पर अपने विचार साझा किए।

युवाओं को जोड़ने का मंच
सवालों का जवाब देते हुए मंत्री महोदया ने कहा, “यह संवाद एक महत्वपूर्ण मंच है जहां प्रधानमंत्री मोदी कल हमारे देश के होनहार युवाओं के विचार सुनेंगे। यह कार्यक्रम भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम है। हमारे देश की युवा शक्ति तैयार है और हम अपने मंत्रालय के माध्यम से युवाओं को एक ऐसा मंच प्रदान कर रहे हैं जहां वे अपने विचारों और दृष्टिकोण को व्यक्त कर सकें। इस तरह के आयोजनों से न केवल युवा जिम्मेदारी से जुड़ते हैं बल्कि देश के विकास में अपनी भागीदारी को भी महसूस करते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा, “दुनिया में हर कोई कहता है कि भारत में सबसे बड़ी युवा शक्ति है, और इस युवा शक्ति को देश के विकास से जोड़ना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। आज यहां वह होते हुए दिख रहा है।”

कामकाजी घंटों पर बहस: गुणवत्ता बनाम समय
कामकाजी घंटों को लेकर हो रही बहस पर रक्षा खडसे ने कहा, “घंटों की संख्या से ज्यादा काम की गुणवत्ता मायने रखती है। आनंद महिंद्रा जी ने भी यही बात कही कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आप कितने घंटे काम करते हैं, बल्कि यह है कि आप किस गुणवत्ता के साथ काम करते हैं। आज हर युवा को यह समझना चाहिए कि वह जहां भी काम करे, उसका उद्देश्य सिर्फ अपना भविष्य नहीं, बल्कि देश का भविष्य भी संवारना होना चाहिए। हमें एक ऐसी दृष्टि से काम करना होगा जो व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ राष्ट्र की प्रगति में योगदान करे।”

राष्ट्रीय विकास के लिए युवाओं का दृष्टिकोण
रक्षा खडसे ने इस बात पर भी जोर दिया कि युवा अपने कामकाजी जीवन में संतुलन बनाएं और अपने कार्यों के माध्यम से देश को सशक्त बनाएं। “हर युवा को एक दूरदर्शी योजना के साथ आगे बढ़ना चाहिए, जिसमें उनका अपना भविष्य और भारत का भविष्य शामिल हो।”

युवा महोत्सव के इस संवाद ने यह स्पष्ट कर दिया कि देश का भविष्य युवाओं के विचारों और उनके कार्यों में बसता है। युवा शक्ति को विकसित भारत की जिम्मेदारी से जोड़ना और उनकी गुणवत्ता पर ध्यान देना ही सही दिशा में उठाया गया कदम है।