India News (इंडिया न्यूज), Ashwin Retirement Controversy: आर अश्विन ने गाबा टेस्ट खत्म होते ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उनके अचानक संन्यास लेने के बाद सवाल उठने लगे कि आखिर अश्विन ने सीरीज के बीच में ही इंटरनेशनल क्रिकेट क्यों छोड़ दिया। अब इस मामले पर बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अश्विन के पिता रविचंद्रन ने दावा किया है कि टीम इंडिया में अश्विन का अपमान किया गया था, इसलिए उन्होंने अचानक संन्यास ले लिया।
अश्विन के पिता ने सीएनएन न्यूज 18 से बातचीत में कहा कि टीम इंडिया में उनके बेटे का लगातार अपमान किया जा रहा था, जिसकी वजह से उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच में ही संन्यास ले लिया। अश्विन के पिता ने कहा कि बेटे के अचानक संन्यास लेने के फैसले से वह भी हैरान हैं।
अश्विन पर नहीं जताया गया भरोसा?
भले ही अश्विन मौजूदा दौर में टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज रहे हों, भले ही वह लंबे समय तक दुनिया के नंबर 1 टेस्ट गेंदबाज रहे हों, इसके बावजूद उन्हें टीम इंडिया में वह सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे। अश्विन ने दोनों विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन पिछले फाइनल मैच में यह खिलाड़ी बेंच पर बैठा था। इस मुद्दे को पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने भी उठाया था। उन्होंने कहा कि अगर आप दुनिया के नंबर 1 बल्लेबाज को प्लेइंग इलेवन में रखते हैं तो दुनिया के नंबर 1 टेस्ट गेंदबाज को बेंच पर क्यों बिठाते हैं? इसी तरह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अश्विन को पर्थ टेस्ट में मौका नहीं दिया गया। वह एडिलेड में खेले और तीसरे टेस्ट में फिर से बाहर कर दिए गए।
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अश्विन के पिता का सनसनीखेज बयान
अश्विन के पिता ने कहा, ‘मुझे भी आखिरी समय में संन्यास के बारे में पता चला। मुझे नहीं पता कि उसके दिमाग में क्या चल रहा था। उसने बस इसकी घोषणा कर दी। मैंने भी इसे स्वीकार कर लिया लेकिन जिस तरह से उसने संन्यास लिया है, उससे मैं खुश भी हूं और ना भी क्योंकि उसे खेलते रहना चाहिए था। संन्यास लेने का फैसला अश्विन का था और मैं इसमें दखल नहीं दूंगा लेकिन जिस तरह से उन्होंने संन्यास लिया है उसके कई कारण हो सकते हैं। यह तो अश्विन ही जानते हैं, हो सकता है कि इसका कारण अपमान हो।’
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अश्विन के पिता ने आगे कहा, ‘अश्विन का संन्यास हमारे लिए भावनात्मक क्षण है क्योंकि उन्होंने 14-15 साल तक खेला और उनके अचानक संन्यास लेने से हमें झटका लगा। हमें लगता है कि लगातार अपमान हो रहा था। तो वह यह सब कब तक बर्दाश्त करते। इसलिए अश्विन ने संन्यास लेने का फैसला किया।’