इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : कतर में फीफा वर्ल्ड कप चल रहा है। इस्लाम का हवाला देकर जिस तरह की पाबंदियाँ खिलाड़ियों और दर्शकों पर थोपी गई है, उससे फुटबॉल विश्व कप का रंग फीका है। इस बीच एक खेल पत्रकार को स्टेडियम में प्रवेश करने से केवल इसलिए रोक दिया गया, क्योंकि उन्होंने रेनबो कलर की टीशर्ट पहन रखी थी। वहीं कटटरपंथी भगोड़ा जाकिर नाइक जो कभी फुटबॉल के खेल को हराम बता चुका है, वह इस आयोजन में दीनी तकरीर के लिए कतर बुलाया गया है।
फीफा विश्व कप के खास मेहमान नाइक का सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उसने फुटबॉल खेलने को गैर इस्लामिक करार दिया है। यह वीडियो 1:25 मिनट का है। इसमें जाकिर नाइक कह रहा है, “फुटबॉल एक पेशे के रूप में हराम है।” वह इसमें कई बार इस बात को दोहराता नजर आ रहा है। इसके अलावा वह कहता है, “मैं लोगों को इस पेशे में जाने के लिए नहीं कह सकता। मैं ये भी नहीं चाहता कि मेरा बेटा भी कभी एक प्रोफेशनल फुटबॉल प्लेयर बने।”मालूम हो कि ब्रिटेन ने भी साल 2010 में जाकिर नाइक को नफरत फैलाने के आरोपों के चलते बैन कर दिया था। भारत में उस पर मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद को बढ़ावा देने, अवैध धर्मांतरण, नफरत फैलाने सहित कई मामलों चल रहे हैं।
खेल के नियमों से नहीं इस्लामिक नियमों से खेला जा रहा फुटबॉल कप
आपको बता दें, खेल के नियमों से नहीं इस्लामिक नियमों से खेला जा रहा फुटबॉल कप के आरोप तब लगे जब कतर में सोमवार को एक पत्रकार को अमेरिका और वेल्स के बीच मैच के दौरान अहमद बिन अली स्टेडियम में रेनबो कलर की टी-शर्ट पहनने के कारण सुरक्षाकर्मियों ने हिरासत में ले लिया। यूएस बेस्ड ग्रांट वाहल के रूप में पहचाने जाने वाले पत्रकार ने जो टी-शर्ट पहनी थी, उसमें कुछ-कुछ रंग LGBTQ समुदाय के फ्लैग जैसा लग रहा था। इसके लिए उन्हें पहले एक सुरक्षा गार्ड ने रोका और फिर शर्ट उतारने को कहा, क्योंकि कतर में समलैंगिकता गैरकानूनी है।
हिरासत के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने पत्रकार से पूछताछ की कि क्या वह यूनाइटेड किंगडम से है। कथित तौर पर, न्यूयॉर्क टाइम्स के एक पत्रकार को भी कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था। वाहल ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “सुरक्षा गार्डों में से एक ने मुझे बताया कि वे मुझे अंदर बैठे फुटबॉल प्रेमियों से बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जो इस टी-शर्ट को पहनने के लिए मुझे नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसके बाद फीफा के एक प्रतिनिधि ने बाद में मुझसे भी माफी माँगी।” पत्रकार ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि फीफा और यूएस सॉकर दोनों के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया था कि सार्वजनिक रूप से टी-शर्ट और रेनबो कलर के झंडों से कतर विश्व कप में कोई समस्या नहीं होगी आखिरकार, लंबी पूछताछ के बाद अमेरिकी पत्रकार को रेनबो टी-शर्ट के साथ अहमद बिन अली स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति दी गई। कहा जा रहा है कि एलजीबीटीक्यू अधिकारों, बोलने की स्वतंत्रता और अपनी पसंद के कपड़े पहनने की आजादी के बारे में बातें करने वाले वाहल ट्विटर पर इस घटना के बारे में बताकर गायब हो गए।