India News (इंडिया न्यूज), Saif Ali Khan Son: दादा और पिता दोनों क्रिकेटर थे लेकिन सैफ अली खान अपने परिवार की विरासत यानी क्रिकेट को आगे नहीं बढ़ा पाए। वो फिल्म स्टार बने। लेकिन अब लगता है कि उनका बेटा वो जरूर करेगा जो वो नहीं कर पाए। यही वजह है कि उन्होंने अपने बेटे तैमूर को इंग्लैंड में क्रिकेट की ट्रेनिंग भी दिलवाई है। इतना ही नहीं, वो अपने दादा और परदादा की क्रिकेट की कहानियां भी उससे शेयर करते रहते हैं ताकि उसकी इस खेल में रुचि बनी रहे। सोशल मीडिया पर इंग्लैंड में तैमूर की ट्रेनिंग के कई वीडियो हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि उसकी क्रिकेट में कितनी दिलचस्पी है।
कहां चल रही है बेटे की ट्रेनिंग ट्रेनिंग
अब सवाल ये है कि तैमूर ने इंग्लैंड में ट्रेनिंग कहां ली? इंग्लैंड की ICM क्रिकेट अकादमी में उनकी ट्रेनिंग चली। तैमूर ने वहां बॉलिंग और बैटिंग समेत क्रिकेट की सभी बारीकियों की अच्छी समझ विकसित की। उसे पूरी लगन से प्रैक्टिस करते देख ये कहना गलत नहीं होगा कि ये भविष्य की तैयारी है। अगर उनकी प्रैक्टिस ऐसे ही जारी रही तो वे भविष्य में अपने दादा मंसूर अली खान पटौदी यानी टाइगर पटौदी की तरह भारतीय क्रिकेट को गौरवान्वित कर सकते हैं।
कैसा रहा टाइगर पटौदी का करियर कैसा रहा?
तैमूर के दादा यानी सैफ अली खान के पिता टाइगर पटौदी न सिर्फ एक दमदार बल्लेबाज थे बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के एक जांबाज कप्तान भी थे। टाइगर पटौदी ने भारत के लिए 46 टेस्ट मैच खेले, जिसमें से उन्होंने 40 में कप्तानी की। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 9 टेस्ट जीते, जबकि 12 टेस्ट ड्रॉ रहे। वहीं, 19 मैचों में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा।
बेटे को याद दिलाई जाती है विरासत
सैफ अली खान अब अपने बेटे तैमूर के साथ अपने पिता की कहानी, उनके क्रिकेट के किस्से शेयर करते हैं। वे उन्हें अपने दादा और परदादा के बारे में बताते हैं और बताते हैं कि उन्होंने क्रिकेट में क्या किया।
वैसे भी तैमूर अभी उम्र में छोटे हैं। क्रिकेट खेलने के प्रति उनका जुनून और उत्साह देखने लायक है। उम्मीद है कि आने वाले समय में वे भी अपने दादा की तरह भारतीय क्रिकेट की पहचान बनेंगे। लोग उन्हें ब्लॉकबस्टर प्रदर्शन करते देखेंगे, लेकिन शायद उनके पिता की तरह फिल्मी पर्दे पर नहीं, बल्कि उनके दादा की तरह क्रिकेट के मैदान पर।