India News (इंडिया न्यूज),WFI elections: डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष के रूप में संजय सिंह के चुनाव के बाद पहलवानों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फेंस के दौरान कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की। साक्षी ने रोते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ने से पहले अपने जूते उतारकर मंच पर रख दिए। भावुक साक्षी ने कहा, “मैं निराश हूं और अब कुश्ती में प्रतिस्पर्धा नहीं करूंगी।”उसके एक दिन बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने साक्षी के समर्थन में अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटने का फैसला किया। अब इस मामले पर संजय सिंह का बड़ा बयान आया है।
बृज भूषण सिंह का करीबी होना क्या अपराध है? – संजय सिंह
2016 रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़ने पर WFI के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह का कहना है, “जो लोग एथलीट हैं, उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है और जो लोग राजनीति में आना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं। यह उनका निजी मामला है। मैं इस बारे में नहीं बोलूंगा। मैं 12 साल से महासंघ में हूं। सिर्फ इसलिए कि मैं सांसद (बृज भूषण सिंह) का करीबी हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि मैं एक डमी उम्मीदवार हूं। अगर मैं उनके करीब हूं तो क्या यह अपराध है? ”
बजरंग पुनिया का पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का फैसला व्यक्तिगत-खेल मंत्रालय
खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के रूप में संजय सिंह के चुनाव के विरोध में बजरंग पुनिया का पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का फैसला व्यक्तिगत है, लेकिन फिर भी उन्हें इस कदम पर पुनर्विचार करने के लिए मनाने की कोशिश की जाएगी। मंत्रालय के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, “पद्मश्री लौटाना बजरंग पुनिया का निजी फैसला है। डब्ल्यूएफआई चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुए थे।” उन्होंने कहा, “हम अब भी बजरंग को पद्मश्री लौटाने के अपने फैसले को पलटने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे।”
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