कौन है वो ‘बेइमानी’ अंपायर, जो भारत से दुश्मनी के चक्कर में भूल गया ड्यूटी? यशस्वी जयसवाल को आउट देकर हुआ बदनाम
Yashasvi Jaiswal's controversial dismissal
India News (इंडिया न्यूज),Yashasvi Jaiswal’s controversial dismissal:ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट हारने के बाद भारतीय टीम सीरीज में पिछड़ गई है। एक समय ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया आसानी से यह मैच ड्रॉ करा लेगी लेकिन एक फैसले ने पूरे मैच का रुख पलट दिया। तीसरे अंपायर के विवादित फैसले ने भारतीय ओपनर यशस्वी जायसवाल की जुझारू पारी का अंत कर दिया।
184 रनों से हुई हार
एक तरफ कई दिग्गजों और क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यशस्वी आउट नहीं थे बल्कि बांग्लादेश के अंपायर शराफद्दौला सकाल ने उन्हें आउट करार दिया था।
आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की दौड़ में शामिल भारतीय टीम बॉक्सिंग डे टेस्ट को ड्रॉ कराकर अपनी उम्मीदों को जिंदा रखना चाहती थी लेकिन उसे झटका लगा। चौथे मैच के आखिरी दिन भारत ने आखिरी सेशन में 7 विकेट गंवा दिए और ऑस्ट्रेलिया ने मैच 184 रनों के अंतर से जीत लिया। पारी की शुरुआत करने आए यशस्वी जायसवाल एक छोर पर मजबूती से बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन उन्हें एक विवादित फैसले का शिकार होना पड़ा। थर्ड अंपायर का विवादित फैसला
कैसे आउट हुए यशस्वी जायसवाल ?
मेलबर्न टेस्ट के पांचवें दिन के आखिरी सेशन में 71वां ओवर फेंकने आए पैट कमिंस की गेंद पर यशस्वी जायसवाल ने शॉट खेला। गेंद उनके बल्ले और ग्लव के करीब से गुजरी जिसे विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने कैच कर लिया। जोरदार अपील हुई लेकिन फील्ड अंपायर ने इसे खारिज कर दिया। कप्तान कमिंस ने रिव्यू लिया और थर्ड अंपायर ने बार-बार रिप्ले देखने के बाद यशस्वी को आउट करार दिया, जबकि साउंड कैप्चरिंग मशीन स्निको मीटर को बल्ले और गेंद के बीच संपर्क का कोई सबूत नहीं मिला। मशीन में कोई हलचल नहीं दिखी, फिर भी यशस्वी को आउट करार दिया गया।
कौन हैं थर्ड अंपायर शराफुद्दीन सकाल?
मेलबर्न में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मैच में बांग्लादेश के शराफुद्दीन सकाल थर्ड अंपायर की भूमिका निभा रहे थे। पूर्व बांग्लादेशी क्रिकेटर आईसीसी एलीट पैनल के अंपायर हैं। उन्हें इस साल आईसीसी ने एलीट पैनल में शामिल किया है। शराफुद्दीन आईसीसी एलीट पैनल में जगह बनाने वाले बांग्लादेश के पहले अंपायर हैं। शराफुद्दीन सकल ने 100 वनडे, 73 टी20 अंतरराष्ट्रीय और 23 टेस्ट मैचों में अंपायरिंग की है। वह 45 महिला अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी अंपायर रह चुके हैं।
दिव्यांशी सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की पढ़ाई की है और पिछले 4 सालों से ज्यादा वक्त से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। जियो-पॉलिटिक्स और स्पोर्टस में काम करने का लंबा अनुभव है। अभी इंडिया न्यूज में कार्यरत हैं और इंटरनेशनल पॉलिटिक्स और स्पोर्टस पर लिखती हैं।