इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : राजनीति के अपराधीकरण पर सभी राजनीतिक दल चिंता करते है और इस पर अंकुश लगाने की बात भी करते है। लेकिन जब चुनाव में टिकट देने की आती है, तो सब किनारे कर देते है। एडीआर के मुताबिक, गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण में सौराष्ट्र-कच्छ व दक्षिण गुजरात की 89 सीटों पर चुनाव लड़ रहे 788 उम्मीदवारों में से कुल 167 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। चुनाव में कुल 788 में से 21% उम्मीदवार दागी हैं। एडीआर व गुजरात इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट में कहा है कि 2017 की तुलना में इस बार पहले चरण में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों की संख्या 6% बढ़ी है। 2017 में पहले चरण में 923 में से 137 प्रत्याशी यानी 15% दागी प्रत्याशी थे, जो 2022 में बढ़कर 167 उम्मीदवार यानी 21% हो गए।
सबसे ज्यादा दागियों को AAP ने टिकट दिए
जानकारी दें, पहले चरण के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सबसे ज्यादा 36 फीसदी दागी प्रत्याशियों को टिकट दिया है। उसके 88 प्रत्याशियों में से 32 आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। इनमें से 26 प्रत्याशियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कांग्रेस ने 35 प्रतिशत यानी 31 दागी प्रत्याशियों को टिकट दिया है। इनमें से 18 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी के 89 में से 14 प्रत्याशी दागी हैं। इनमें 11 प्रत्याशी गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं।
रोक लगाने के लिए हो ठोस कारवाई
गुजरात इलेक्शन वॉच की राज्य संयोजक पंक्ति जोग का कहना है कि जिन पर हत्या, दुष्कर्म, अपहरण, हत्या की कोशिश जैसे संगीन अपराध हैं, उनको हमेशा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करना चाहिए। पांच साल की सजा वाले अपराध में लिप्त प्रत्याशियों को कुछ समय के लिए अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।