इंडिया न्यूज़ : ‘सारे मोदी सरनेम वाले चोर होते है’ ऐसा विवादित बयान देने वाले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को गुजरात की सेशन कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इन केस में राहुल को दोषी ठहराते हुए 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है । अब लोकसभा सचिवालय से एक नोटिस सामने आई है जिसमें बताया गया है कि लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम, 1951 के एक कानून के तहत उनकी सांसदी छीनी जा चुकी है। अब राहुल गांधी लोकसभा के सदस्य नहीं है।
बता दें, एक समय ऐसा भी था जब राहुल के पास मौका था। आज जिस गलती में उनकी सांसदी गई है उससे बचने के लिए। लेकिन उस समय राहुल गांधी से एक गलती हो गई थी। राहुल ने सदन में एक अध्यादेश को फाड़ दिया था। मालूम हो, 10 साल पहले हुई यह गलती उन पर भारी पड़ गई है। ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से राहुल गांधी का पद खतरे में पड़ गया। अब ऐसी खबरें सामंने आ रही है कि वह अब 8 साल तक वह चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।
जानें क्या था वो अध्यादेश?
बता दें, मनमोहन सरकार की ओर से लाए गए उस अध्यादेश की कॉपी राहुल गांधी ने फाड़ दी थी। जो अध्यादेश दोषी सांसदों को सीट बचाने के लिए 3 महीने की छूट देता है। सुप्रीम कोर्ट का वही फैसला उनके सांसद पद के लिए काल बनता नजर आ रहा है। मालूम हो, अध्यादेश इसी आदेश के खिलाफ लाया जा रहा था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ मनमोहन सरकार ने लाया था अध्यादेश
बता दें, यह अध्यादेश साल 2013 सिंतबर में मनमोहन सरकार ने लाया था। यूपीए की सरकार ने ही आदेश पारित किया था। जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया था कि दोषी पाए जाने पर सांसदों और विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। कांग्रेस के इस अध्यादेश पर बीजेपी, लेफ्ट समेत कई विपक्षी पार्टियों ने कांग्रेस को बुरी तरह घेरा था। उस समय राहुल गांधी ने अध्यादेश की कॉपी फाड़ दी थी।