इंडिया न्यूज, New Delhi News। Crude Oil Marketing : घरेलू कच्चे तेल के उत्पादकों को केंद्र सरकार ने आयल की मार्केटिंग यानी बिक्री के लिए आजादी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में और भी बड़े फैसले लिए गए हैं।
देश में उत्पादित 99 फीसद क्रूड सरकारी रिफाइनरी को आवंटित
कैबिनेट के फैसले के बाद उत्पादक जिसे चाहें तेल बेच सकेंगे। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट बैठक की मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल की बिक्री के विनियमन को मंजूरी दी। मौजूदा वक्त में देश में उत्पादित 99 फीसद क्रूड सरकारी रिफाइनरी को आवंटित किया जाता है।
1 अक्टूबर से प्रभावी होगा फैसला
आज कैबिनेट कमेटी आन इकोनामिक अफेयर्स ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में डिरेगुलेशन आफ सेल आफ डोमेस्टिक प्रोड्यूस क्रूड आयल को मंजूरी दी है। यह फैसला आगामी एक अक्टूबर से प्रभावी होगा। अनुराग ठाकुर ने बताया कि पहली अक्टूबर से प्रोडक्शन शेयरिंग कान्ट्रैक्ट्स में सरकार या उसकी नामित या सरकारी कंपनियों को कच्चा तेल बेचने की शर्त माफ कर दी जाएगी।
क्रूड आयल बेचने की बाध्यता से मिलेगा छुटकारा
इसके तहत सरकार या सरकार की नामित संस्था को सरकारी कंपनियों को ही क्रूड आयल बेचने की जो बाध्यता थी वो समाप्त कर दी जाएगी। यानी इस फैसले से अब सारी तेल उत्पादक कंपनियां अपनी फील्ड के क्रूड आयल को घरेलू बाजार में बेचने के लिए पूरी तरह आजाद हो जाएंगी।
इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए देश की 63 हजार प्राइमरी कृषि कर्ज समितियों के कम्प्यूटरीकरण को मंजूरी दी है।
पीएसीएस के कम्प्यूटरीकरण के लिए 2,516 करोड़ मंजूर
अनुराग ठाकुर ने बताया कि कृषि कर्ज समितियों (पीएसीएस) के कम्प्यूटरीकरण के लिए 2,516 करोड़ रुपए को मंजूरी दी गई है। इस फैसले का उद्देश्य यह है कि इन सोसाइटियों की दक्षता को बढ़ाई जाए और संचालन में पारदर्शिता लाई जाए। इस फैसले जवाबदेही सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी।
इस फैसले से 13 करोड़ किसानों को भी होगा फायदा : अनुराग सिंह
कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि इस फैसले से व्यवसाय में विविधता और सेवाओं को शुरू करने की सहायता भी मिलेगी। इससे 13 करोड़ किसानों को फायदा होगा, जिनमें ज्यादातर छोटे और किसान सीमांत हैं।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना में साइबर सुरक्षा और डेटा स्टोरेज के साथ क्लाउड आधारित सामान्य साफ्टवेयर का विकास करना शामिल है। इससे आंकड़ों का डिजिटलीकरण भी होगा।
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