India News (इंडिया न्यूज़), Pune Palki Procession, पुणे: महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक जुलूस के दौरान भगवान विठ्ठल के भक्त वारकरियों और पुलिस के बीच रविवार को बहस हो गई। पुलिस (Pune Palki Procession) को लाठीचार्ज करना पड़ा। हालांकि पुलिस ने किसी लाठीचार्ज से इनकार किया है। विपक्षी दलों ने दावा किया कि पुलिस ने वारकरियों पर लाठीचार्ज किया और उच्च स्तरीय जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की।
- 22 किलोमीटर का जुलूस निकाला गया
- सुप्रिया सुले ने निंदा की
- कांग्रेस ने जांच की मांग की
यह घटना तब हुई जब भक्त पुणे शहर से 22 किलोमीटर दूर आलंदी शहर में संत ज्ञानेश्वर महाराज समाधि मंदिर में औपचारिक जुलूस में प्रवेश पाने के लिए कोशिश कर रहे थे। यह पंढरपुर की वार्षिक आषाढ़ी एकादशी तीर्थयात्रा का हिस्सा है।
75 का जत्था ही एक बार में
पिंपरी चिंचवाड़ के आयुक्त विनय कुमार चौबे ने कहा कि पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मंदिर के न्यासियों के साथ व्यापक व्यवस्था की और बैठकें कीं। उन्होंने कहा कि जब पुलिस एक समय में 75 श्रद्धालुओं के जत्थे भेज रही थी, तब कुछ लोगों ने बेरिकेड्स तोड़ दिए और मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की।
सुप्रिया सुले ने दुख जताया
इस मुद्दे ने तब राजनीतिक मोड़ ले लिया जब विपक्षी राकांपा और कांग्रेस ने दावा किया कि पुलिस ने वारकरियों पर लाठीचार्ज किया राकांपा की कार्यकारी अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने कहा, “प्रशासन के कुप्रबंधन ने इस वार्षिक उत्सव पर एक धब्बा लगा दिया। वारकरी समुदाय पर लाठीचार्ज देखकर दुख होता है। जो लोग गलती करते हैं उन्हें कार्रवाई का सामना करना चाहिए।”
कांग्रेस ने कार्रवाई की मांग की
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज में शामिल पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए। एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने इस घटना को शर्मनाक बताया।
राजनीति न करें
वारकरियों की सुरक्षा को सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए रविवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन घटनाओं पर राजनीति नहीं करने की अपील की। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आलंदी में लाठीचार्ज की कोई घटना नहीं हुई है। इसलिए, मैं विपक्ष से अपील करता हूं कि जो कभी नहीं हुआ, उस पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करें।
उन्होंने कहा कि पिछले साल भगदड़ जैसी स्थिति थी और इसलिए इस साल प्रिंसिपल जिला मजिस्ट्रेट, चैरिटी कमिश्नर, मुख्य ट्रस्टी धागे-पाटिल और सभी दिंडी के प्रमुखों के नेतृत्व में समिति ने एक बैठक की जिसमें यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक डिंडी को 75 पास दिए जाएंगे कुछ स्थानीय युवकों ने जबरन मंदिर परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की, जिससे झड़प हुई।
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