India News (इंडिया न्यूज), Himachal Pradesh Cm New Law: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सुक्खू सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सुक्खू सरकार ने पुलिस अधिनियम में संशोधन विधेयक पास किया है। इस एक्ट के तहत अब प्रदेश  में किसी भी सरकारी  कर्मचारी की गिरफ्तारी के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी। यानी सरकार की अनुमति के बिना पुलिस किसी भी सरकारी कर्मचारी को अपराधिक मामलों में गिरफ्तार नहीं कर सकती।

जानें क्या है पूरा मामला

दरअसल, हिमाचल प्रदेश की सरकार ने विधानसभा के शीतकालीम सत्र के तीसरे दिन हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम में संशोधन विधेयक पेश किया। इस संशोधन विधेयक के अनुसार, किसी भी सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी के दौरान गिसफ्कार करने के लिए सरकार की अनुमति अनिवार्य है। साथ ही, कांस्टेबलों का ट्रांसफर भी अब प्रदेश की सरकार करेगी। राज्य में पुलिस की भर्ती राज्य पुलिस बोर्ड द्वारा की जाएगी। हालांकि, विपक्ष की ओर से इस संशोधन का विरोध किया गया।

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ये संशोधन अपराधिक कार्रवाई पर रोक नहीं-सीएम

इस संशोधन पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में कहा कि किसी भी तरह के अपराध पर कार्रवाई पर रोक नहीं है, ऐसा इसलिए किया गया है ताकि सरकार को जानकारी रहे। इसके लिए एसओपी जारी की जाएगी। सीएम ने सदन में कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें सरकार की जानकारी के बिना गिरफ्तारियां की गई हैं। सीआरपीसी और बीएनएस व अन्य किसी कानूनी धारा को न तो प्रभावित किया गया है और न ही छेड़छाड़ की गई है। जो भी व्यक्ति अपराध करेगा, उसके खिलाफ तय कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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सीएम सुक्खू ने विपक्ष पर साधा निशाना

विपक्ष को घेरते हुए सीएम ने कहा कि ये लोग काल्पनिक बुद्धिमत्ता का परिचय दे रहे हैं। संशोधन विधेयक में सब कुछ स्पष्ट है। अगर कोई पटवारी रिश्वत लेता है तो उसके खिलाफ उसी समय कार्रवाई की जाएगी। इस संशोधन के जरिए द्वेष भावना से दर्ज होने वाली एफआईआर पर रोक लगाने के लिए संशोधन लाया गया है।­­­