मैं नहीं कहूंगी कि भाजपा को ही वोट करें’, उमा भारती के बयान ने बढ़ाई पार्टी की मुश्किलें
Uma Bharti
इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : भाजपा की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मध्य प्रदेश में लोधी समुदाय (Lodhi community) की एक सभा को संबोधित करते हुए एक बयान दिया है। उमा भारती ने कहा कि मैं लोधी समुदाय को यह नहीं कहुंगी कि वे सिर्फ भाजपा को वोट करें। समुदाय आजाद है चाहे जिसे वोट करे। आपको बता दें, उमा भारती ने यह बयान 25 दिसंबर को राज्य की राजधानी भोपाल में मानस भवन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिया। जिसका कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ज्ञात हो, अगले साल मध्य प्रदेश में चुनाव होने हैं।
उमा भारती ने अपने सम्बोधन में और क्या कहा
लोधी समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए उमा भारती ने कहा कि मैं अपनी पार्टी के मंच पर आऊंगी, मैं लोगों से वोट मांगूंगी, मैं कभी नहीं कहती कि आप लोधी हैं, आप बीजेपी को वोट दें। मैं सभी से भाजपा को वोट देने के लिए कहती हूं क्योंकि मैं अपनी पार्टी का एक वफादार सिपाही हूं। मैं आपसे (लोधी समुदाय) से जरा भी उम्मीद नहीं रखूंगी कि आप पार्टी के एक वफादार सिपाही होंगे और वोट करेंगे।
उमा भारती ने आगे कहा कि आपको (लोधी समुदाय को) अपने आसपास के हितों को देखना होगा क्योंकि यदि आप पार्टी कार्यकर्ता नहीं हैं तो आपको सभी चीजों को देखने के बाद ही अपने बारे में फैसला करना होगा। हम प्यार के बंधन में बंधे हैं, लेकिन राजनीतिक बंधन में, आप मेरी तरफ से पूरी तरह से मुक्त हैं। कार्यक्रम के दौरान मंच पर भाजपा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के भाई भाजपा विधायक जालम सिंह पटेल भी मौजूद थे।
लोधी समुदाय से नाराज चल रहा लोधी समुदाय
जानकारी दें, लोधी समुदाय लंबे समय से बीजेपी का कोर वोट रहा है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से लोधी समुदाय के नेता बीजेपी से दूर भाग रहे हैं। लोधी नेता प्रीतम लोधी के पार्टी से निष्कासन के बाद से लोधी समुदाय के कई नेता बीजेपी से नाराज चल रहे हैं। मध्य प्रदेश में करीब 65 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां लोधी समुदाय के वोट चुनाव नतीजों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
बुंदेलखंड,ग्वालियर चंबल संभाग की ज्यादातर सीटों पर लोधी समुदाय का दबदबा है। इसके अलावा, लोधी मतदाता बालाघाट, सागर, खजुराहो, दमोह, विदिशा और होशंगाबाद सहित 29 में से 13 लोकसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं।