इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है। ऐसे में मैं न तो यह कह सकता हूं कि हम एक तरह से यह चुनाव जीत रहे हैं और न ही कांग्रेस ऐसा कह सकती है। वहीँ जयराम ठाकुर ने आगे कहा एक बात तय है कि इस चुनाव में कांग्रेस के बड़े नेताओं की हार होने वाली है। आपको बता दें, हिमाचल प्रदेश में अभी हाल ही में विधानसभा की कुल 68 सीटों के लिए 12 नवंबर को मतदान कराए गये थे, जिसमें कुल 65.5 फीसदी मतदान हुआ था। वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी।

ज्ञात हो, सीएम जयराम ठाकुर के इस बयान से बीजेपी आलाकमान की चिंता बढ़ सकती है, क्योंकि भाजपा के सभी बड़े नेता पूरे दावे के साथ कहते रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ फिर सत्ता में लौट रही है। कई नेताओं ने तो यहां तक कहा था कि विपक्षी दल कांग्रेस को बहुत कम सीटें मिल सकती हैं और आम आदमी पार्टी का खाता तक नहीं खुलेगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने चुनाव प्रचार के दौरान दावा किया था कि पार्टी पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा था कि हम 44 का आंकड़ा पार करेंगे।

हिमाचल में है सत्ता बदलने की परंपरा

आपको बता दें, हिमाचल प्रदेश में हर बार सत्ताधारी पार्टी को बदल देने की परंपरा रही है। जनता वहां एक बार भाजपा की सरकार बनवाती है तो दूसरी बार कांग्रेस के हाथ में सत्ता देती रही है। भाजपा ने दावा किया था कि इस बार ऐसा नहीं होगा और जनता इस परंपरा को जरूर बदलेगी।

जयराम ने चुनाव प्रचार के दौरान ये बात कही थी

आपको बता दें ,चुनाव प्रचार में जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि हमारी सेना के जवानों और उनके घर वालों ने 40 सालों तक वन रैंक वन पेंशन की मांग की थी, कांग्रेस ने चार पीढ़ियों तक देश पर शासन किया लेकिन जवानों और उनके परिजनों की ये मांग पूरी नहीं कर पाए। साल 2014 में देश की जनता ने नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री चुना और मोदी जी ने सत्ता में आते ही साल 2015 में सबसे पहला काम जवानों और उनके परिजनों को ‘वन रैंक वन पेंशन’ देने का काम किया।’

कांग्रेस का दावा जनता उनको सत्ता सौंपने जा रही

दूसरी तरफ कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने दावा किया था कि जनता बदलाव करेगी और इस बार कांग्रेस की सरकार सत्ता में आएगी। अपनी सभाओं में वादा किया था कि राज्य में अपनी सरकार बनते ही एक लाख नौकरियां देने के साथ ही पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को तुरंत लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना कोई चुनावी जुमला नहीं है और इसे छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कांग्रेस सरकारों ने पहले ही लागू कर दी है।