इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : दिल्ली के द्वारका में एक नाबालिग लड़की पर हुए एसिड अटैक के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इंस्टा पर स्टोरी शेयर करते हुए याद किया कि कैसे ये एसिड अटैक का ट्रॉमा उनकी बहन रंगोली चंदेल ने भी झेला हुआ है और किस तरह वो एक समय में इसी एसिड अटैक के डर से अपना चेहरा छिपाकर चलती थीं।
“जब मैं टीनेजर थी तब मेरी बहन रंगोली चंदेल पर रोड साइड रोमियो ने तेजाब फेंक दिया था। उसे 52 सर्जरी और मानसिक-शारीरिक आघात से गुजरना पड़ा। हम एक परिवार के रूप में टूट गए थे। मुझे भी थेरेपी लेनी पड़ी क्योंकि मुझे डर था कि जो भी मेरे पास से गुजरेगा, वह मुझ पर तेजाब फेंक सकता है। इसकी वजह से मैं घर से बाहर निकलते वक्त अच्छे से अपना चेहरा ढक लेती थी ताकि कोई मुझ पर तेजाब न फेंक दे। ये अत्याचार आज तक बंद नहीं हुए हैं।”
उन्होंने दिल्ली में एसिड अटैक और अपनी बहन के साथ हुई घटना को याद करते हुए कहा, “इन अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। मैं गौतम गंभीर से सहमत हूँ। हमें एसिड हमलावरों के खिलाफ बहुत सख्त कदम उठाने की जरूरत है।”
दिल्ली में छपाक की घटना
जानकारी दें, दिल्ली के द्वारका में 12वीं क्लास की स्कूली छात्रा पर तेजाब फेंकने की घटना हुई। लड़की स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी मगर दो लड़कों ने बाइक पर आकर उस पर तेजाब फेंक दिया। घटना में बच्ची 8 फीसद जल गई। उसका सफदरजंग के आईसीयू में अस्पताल चल रहा है। इस बीच गौतम गंभीर ने पोस्ट किया था। अपना गुस्सा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा था, “जिन लड़कों ने लड़की पर एसिड फेंका है, उन्हें सरेआम फाँसी दी जानी चाहिए।” इसी ट्वीट के बाद कंगना ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
दिल्ली एसिड अटैक पर छलका कंगना का दर्द
पिछले वर्ष भी उन्होंने इस संबंध में पोस्ट किए थे। उन्होंने रंगोली की योग स्टोरी शेयर करते हुए कहा था,“रंगोली की योग स्टोरी सबसे ज्यादा प्रेरणा देने वाली है, एक सड़क छाप आशिक ने रंगोली पर एसिड फेंका था, जब वो मुश्किल से 21 साल की थीं। उसे थर्ड डिग्री बर्न हुआ, उसका करीब आधा चेहरा झुलस गया था, एक आँख की रोशनी चली गई थी, एक कान पिघल गया था और ब्रेस्ट भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए थे। रंगोली की 2-3 साल में करीब 53 सर्जरी हुईं, लेकिन वो भी काफी नहीं थीं।”
उन्होंने कहा था कि उन्हें रंगोली की मानसिक स्थिति की हमेशा चिंता रहती थी। रंगोली ने बोलना छोड़ दिया था। वह एक शब्द नहीं कहती थीं, बस चीजों को एक टक देखती रहती थीं। जिस एयरफोर्स ऑफिसर से उनकी सगाई हुई थी उसने भी उन्हें छोड़ दिया था। डॉक्टर कहते थे कि रंगोली शॉ़क में हैं। बाद में उन्हें सही करने के लिए कई थेरेपी दी घईं। उन्हें मनोवैज्ञानिक से मिलवाया गया। योग के जरिए उन्हें सही करने की कोशिश हुई।