इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : एलन मस्क के ट्विटर खरीदने के बाद इस कंपनी से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। मस्क के आने से ट्विटर में जो ‘तूफान’ आया, उसकी चपेट में कंपनी के भारतीय कर्मचारी भी आए। अब ऐसा प्रतीत होता नजर आ रहा है कि इसकी भरपाई भारतीय माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म, Koo करने वाला है। आपको बता दें, इस कंपनी ने पूर्व-ट्विटर कर्मचारियों को नियुक्त करने की योजना बनाई है। कू के को-फाउंडर मयंक बिदावतका ने जिसके संकेत भी दिए हैं। मयंक बिदावतका ने अपने ट्वीट में पूर्व-ट्विटर कर्मचारियों को काम देने के इरादे जाहिर किए हैं।
Koo के को-फाउंडर मयंक बिदावतका ने कहा है कि वह उन ट्विटर कर्मचारियों को काम देने के लिए तैयार हैं जिन्हें या तो हटा दिया गया है या जिन्होंने मस्क के फरमानों के चलते ट्विटर को गुडबाय कहा है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, #RIPTwitter। हम कुछ ट्विटर पूर्व कर्मचारियों को काम पर रखेंगे क्योंकि हम विस्तार करते रहेंगे और अपने बड़े अगले दौर की तरफ जाएंगे। उन्होंने पूर्व ट्विटर कर्मचारियों के लिए लिखा कि वो वहां काम करना डिजर्व करते हैं, जहां उनकी प्रतिभा को महत्व दिया जाता है।
देसी माइक्रोब्लॉगिंग में koo ने बनाई है पहचान
ज्ञात हो, कू ने देसी माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में अपनी पहचान बनाई है। महज 3 साल पहले लॉन्च हुए इस प्लेटफॉर्म ने हाल में बताया था कि उसने 5 करोड़ डाउनलोड को पार कर लिया है। देश में जब कोविड महामारी अपने चरम पर थी, तब कू ने शुरुआत की थी। क्षेत्रीय भाषाओं में अपनी मौजूदगी दर्ज कराकर बहुत जल्द यह प्लेटफॉर्म लोकप्रिय हो गया है। केंद्र सरकार और उसके मंत्रियों ने भी बड़ी संख्या में इस प्लेटफॉर्म को जॉइन किया है।
ट्विटर को मस्क के द्वारा खरीदने के बाद जारी है उठापटक
बात करें ट्विटर की, तो एलन मस्क द्वारा ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद कंपनी में धड़ाधड़ छंटनी की गई। टॉप लेवल से लेकर एक आम कर्मचारी पर तक छंटनी की गाज गिरी। भारत में भी बड़े पैमाने पर ट्विटर कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ी है। करीब 3700 लोगों को ई-मेल भेजकर यह बताया गया कि उन्हें निकाला गया है। हाल में ट्विटर के स्टाफ को मस्क ने एक मैसेज दिया। उन्होंने वर्कर्स से यह बताने को कहा कि वे कंपनी में अधिक घंटों तक काम करना चाहते हैं या तीन महीने की सेवरेंस पे लेकर इस्तीफा देंगे।