इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : जम्मू-कश्मीर के डांगरी आतंकी हमले को लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि भारत को गोडसे का देश बनाने की कोशिश की जा रही है। राजौरी कांड को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के प्रत्येक नागरिक की हत्या जम्मू-कश्मीर में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी क्षति है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि इस तरह के हमलों से एक खास राजनीतिक दल को फायदा होता था।

महबूबा मुफ्ती ने आतंकी वारदात पर कहा, “यह एक दिल दहला देने वाली घटना है और परिवारों के लिए बड़ी क्षति है, भगवान उन्हें शक्ति दे जिन पर दुखों का पहाड़ टूटा है। ऐसे मामलों में एक समूह को हिंदू और मुस्लिम एजेंडों से फायदा होता है, उन्हें देश में नफरत फैलाने का मौका मिलता है।

महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग बंदूकों के बीच फंस गए हैं। महबूबा मुफ्ती ने बिना बीजेपी का नाम लिए कहा, “राजौरी जैसे हमले और गैर-मुस्लिमों की हत्या से देश में एक खास पार्टी को फायदा हो रहा है। ये वो पार्टी जो लोगों को बांटती है और धर्म के नाम पर नफरत पैदा करती है।”

फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से बातचीत का छेड़ा राग

वहीं इस मामले में एनसी नेता और पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने भी दुख जताया है। अब्दुल्ला ने कहा है कि हमलावर उस पार से आ रहे हैं और जब तक हम (भारत) उनसे (पाकिस्तान) बात नहीं करते हैं और एक साथ समाधान नहीं खोजते हैं तो हम इन हमलों को रोक नहीं सकते। फारूक अब्दुल्ला ने हमले को देश में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित नफरत से भी जोड़ा है।

अब्दुल्ला ने आगे कहा कि नैनीताल में मुसलमानों को बेघर किया जा रहा है और कोई इसके बारे में नहीं बोलता है। अब्दुल्ला ने कहा है कि हमें अब आत्म निरीक्षण की आवश्यकता है। लोगों को धर्म के आधार पर विभाजित किया जा रहा है जो कि समाज को तोड़ रहा है।