दिल्ली: (Plea in Delhi Highcourt against wrestlers who protested against WFI Chief): भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और महासंघ के कोचों के खिलाफ हाल ही में विरोध प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों/पहलवानों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारियों/पहलवानों ने न्याय का मजाक बनाकर यौन उत्पीड़न कानूनों का पूरी तरह से दुरुपयोग किया है ।

याचिका में कहा गया कि यदि किसी खिलाड़ी का यौन उत्पीड़न हुआ है, तो उन्होंने पुलिस और अदालतों आदि के माध्यम से कानून के अनुसार काम करना चाहिए था। याचिका में विनेश फोगट, बजरंग पुनिया आदि सहित खिलाड़ियों के खिलाफ डब्ल्यूएफआई लगाकर कानून की प्रक्रिया का कथित रूप से दुरुपयोग करने के लिए FIR दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

रसोइया है याचिकाकर्ता

याचिका में आगे आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों ने सार्वजनिक रूप से महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाकर बृजभूषण की प्रतिष्ठा और सम्मान को धूमिल करने की हदें पार कर दी हैं। वकील शारिकसंत प्रसाद ने याचिका दायर करने के बाद कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता विक्की है, जो सांसद बृजभूषण शरण सिंह के आधिकारिक आवास 21, अशोक रोड में रहता है और उनके रसोइए के रूप में काम कर रहा है।

सरकार ने बनाई समिति

हाल ही में साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया सहित प्रख्यात पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न समेत कई आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। शुक्रवार की देर रात, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से आश्वासन मिलने के बाद पहलवानों ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया और सरकार ने बृजभूषण शरण सिंह को चार सप्ताह के लिए कुश्ती महासंघ के काम से अलग कर दिया। सरकार ने एक निगरानी समिति भी बनाई जो बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और वित्तीय अनियमितता के आरोपों की जांच करेगी।