INDIA NEWS (DELHI): राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा है कि दिल्ली निर्भया कांड के बाद से रेपिस्ट को फांसी की सजा मिलने लगी है तब से रेपिस्ट, बच्चियों की रेप करने के बाद हत्याएं कर दे रहे है।

उन्होंने कहा की रेप को लेकर पूरे देश से ​जो रिपोर्ट आ रही है , वह बहुत चिंताजनक और शर्मसार है। बेरोजगारी पर बात करते हुए उन्होंने कहा की एक तरफ बेरोजगारी बाद रही है साथ ही असामाजिक तत्व बहुत बढ़ रहे हैं।

पुरे देश में क्राइम रेट बहुत तेजी से बढ़ रहा है। तनाव और हिंसा के मामले भी बहुत बढ़ रहे है। अब लोगो को क्राइम करने में कोई डर नहीं लग रहा है। लोग प्रशासन के खिलाफ जा कर बहुत अपराध कर रहे है।

राजस्थान में क्या है रेप आकड़ा ?

राजस्थान में साल 2020 से 2022 तक नाबालिग बच्चियों से रेप के 4090 मामले दर्ज हुए हैं। वहीं, दो साल में महिलाओं से रेप के कुल 12,000 केस दर्ज हुए हैं।

दो साल में 50 ऐसे मामले आए है, जिनमें उन लोगो के साथ रेप के बाद हत्या कर दी गई। राजस्थान में हर साल करीब 2200 बच्चियों के रेप हो रहे हैं।

फांसी की सजा के कानून के बाद ही बढ़ रहा है हत्या का रेट

अशोक गहलोत ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल को दोसी ठहराते हुए कहा की बीजेपी सरकार में ही नाबालिग से रेप करने वालों को फांसी की सजा का कानून बनाया था।

सीएम गहलोत ने कहा की नाबालिग से रेप पर फांसी की सजा देने के प्रावधान से ही बच्च्यिों की हत्या करने के मामले बढ़ने जा रहे है। फांसी की सजा वाली बात इससे पहले बहुत सारे नेता बोल चुके है।

उन्होंने कहा जब ये कानून बना तभी हम लोगो ने कहा था की इस कानून के बाद हत्या का केस बढ़ेगा। उन्होंने कहा की मै कानून से बंधा हूँ वरना इन रेपिस्ट को अच्छे सजा देता।