India News (इंडिया न्यूज़), Dussehra 2023: एक तरफ जहां पूरे देश में दशहरा की शाम रावण का का दहन किया जाता है। मंदसौर में इस पुतले की पूजा होती है। वहीं मंदसौर के रूंडी में तो रावण की एक मूर्ती भी बनी हुई है जिसकी पूजा होती है। यहां लोग रावण को फूल माला चढ़ा कर उसकी पूजा करते हैं। मंदसौर के अलावा कई और जगहें भी हैं जहां रावण की पूजा होती है। भारत के अलावा और श्रीलंका में भी कई जगह रावण की पूजा होती है। यहां तक कि इस जगह के लोग रावण को अपना दामाद मानते हैं।
अपना दामाद मानते हैं रावण को
मध्य प्रदेश के मंदसौर नामक एक गांव में रावण का दहन नहीं किया जाता, बल्कि इस गांव में रावण की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मंदसौर को दशपुर के नाम से जाना जाता था और यह रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका था। इस लिहाज से मंदसौर रावण का ससुराल हुआ और वहां के लोग रावण को अपना दामाद मानते हैं। इसलिए जब दशहरे के दिन पूरे देश में रावण दहन किया जाता है तब मंदसौर में रावण की पूजा होती है। मंदोदरी को अपने वंश की बेटी मानने वाले एक समाज के लोग आज भी रावण को दामाद के तौर पर सम्मान देते हैं।
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घूंघट में महिलाएं करती हैं पूजा
मंदसौर (Mandsaur) में नामदेव समाज की महिलाएं आज भी घूंघट में रावण की पूजा करती हैं और रावण के पैरों में धागा बांधती हैं। इतना ही नहीं, इस गांव में संतान की इच्छा रखने वाली महिलाएं भी रावण की पूजा करती हैं। यहां के लोगों का मानना है कि दशहरे के दिन रावण की पूजा करने से संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है और साथ ही कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है। यहां पर दशहरे के दिन लोग सुबह ढोल-बाजे के साथ रावण की पूजा अर्चना करते हैं और शाम को रावण का दहन किया जाता है। लेकिन दहन से पहले यहां के लोग रावण से माफी मागते हैं।
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