INDIA NEWS: भारतीय मूल की प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) 9 महीने अंतरिक्ष में बिताने के बाद सुरक्षित धरती पर लौट आई हैं। उनकी वापसी स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए मेक्सिको की खाड़ी में हुई। हालांकि, इतने लंबे समय तक माइक्रोग्रैविटी में रहने के बाद धरती पर लौटने पर कई शारीरिक और मानसिक चुनौतियाँ होती हैं।
आइए जानते हैं कि सुनीता विलियम्स को किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और उनकी रिकवरी प्रक्रिया कैसी होगी।
1. गुरुत्वाकर्षण (Gravity) की समस्या
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता, जिससे शरीर भारहीन हो जाता है। लेकिन धरती पर लौटते ही:
- शरीर पर अचानक दबाव बढ़ जाता है, जिससे थकान, चक्कर आना और भारीपन महसूस होता है।
- इसी कारण जब सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष यान से बाहर आईं, तो उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाया गया और डॉक्टरों ने तुरंत उनकी जांच की।
2. हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी
- लंबे समय तक भारहीनता के कारण हड्डियों की घनत्व (Bone Density) कम हो जाती है और मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं।
- अंतरिक्ष में रहते हुए अंतरिक्ष यात्री कड़ी एक्सरसाइज़ करते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें धरती पर वापस आने के बाद महीनों की फिजियोथेरेपी की जरूरत होती है।
3. पाचन तंत्र की समस्या
- अंतरिक्ष में भोजन का तरीका अलग होता है, क्योंकि वहाँ माइक्रोग्रैविटी में खाना पचाना आसान नहीं होता।
- अब जब सुनीता विलियम्स धरती पर वापस आ गई हैं, तो उन्हें धीरे-धीरे सामान्य आहार पर लाया जाएगा, ताकि उनका पाचन तंत्र फिर से सुचारू रूप से काम कर सके।
4. मेडिकल परीक्षण और पुनर्वास (Rehabilitation)
- नासा हर अंतरिक्ष यात्री के लिए विशेष मेडिकल चेकअप और रिकवरी प्रोग्राम चलाता है।
- सुनीता विलियम्स को फिजियोथेरेपी, व्यायाम और न्यूट्रिशन प्लान के तहत विशेष देखभाल मिलेगी।
5. क्या भारत आएंगी सुनीता विलियम्स?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को भारत आने का न्योता दिया है। उनके गृहनगर गुजरात के मेहसाणा में लोग जश्न मना रहे हैं और उन्हें भारत में देखने के लिए उत्सुक हैं।
सुनीता विलियम्स की वापसी मानव क्षमता और अंतरिक्ष अन्वेषण का एक नया अध्याय है। हालांकि, धरती पर लौटने के बाद उनकी शारीरिक और मानसिक रिकवरी में समय लगेगा, लेकिन उनकी मेहनत और अनुशासन से वह जल्द ही सामान्य जीवन में लौट आएंगी।
क्या आप जानते थे?
अंतरिक्ष से लौटने के बाद एक अंतरिक्ष यात्री को पूरी तरह सामान्य होने में 3 से 6 महीने तक का समय लग सकता है