इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : ब्रिटेन की एक अदालत की ओर से भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की अपील खारिज किए जाने के अगले दिन यानी गुरुवार को विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान आया है। नीरव मोदी ने बुधवार को लंदन के हाई कोर्ट में भारत को प्रत्यर्पण किए जाने के खिलाफ अपील की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।

आपको बता दें, गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘हम नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील खारिज करने के ब्रिटेन के उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं।” विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया , ‘‘हम नीरव मोदी के साथ-साथ अन्य आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के अपने प्रयासों को जारी रखेंगे ताकि उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जा सके।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत आर्थिक भगोड़ों के प्रत्यर्पण के लिये पुरजोर तरीके से प्रयास कर रहा है ताकि वे देश में कानूनी प्रक्रिया का सामना कर सकें।

विदेश मंत्रालय ने लंदन के हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है

लंदन के उच्च न्यायालय ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी की मानसिक सेहत के आधार पर प्रर्त्यपण के खिलाफ अपील बुधवार को खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी कि नीरव के आत्महत्या करने का जोखिम ऐसा नहीं है कि अगर उसे धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जाता है तो यह अनुचित और दमनकारी होगा। ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने पिछले साल अप्रैल में न्यायालय की एक व्यवस्था के आधार पर नीरव के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था और तब से मामले में अपीलों की प्रक्रिया चल रही थी। अपील हार जाने के बाद नीरव सार्वजनिक महत्व के कानून के बिंदु पर उच्चतम न्यायालय जा सकता है। वह उच्च न्यायालय के फैसले के 14 दिन के भीतर उसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में आवेदन कर सकता है। हालांकि, उच्चतम न्यायालय में अपील तभी की जा सकती है जब उच्च न्यायालय ने प्रमाणित किया हो कि मामला आम जनता के महत्व से जुड़े कानून के बिंदु वाला है।

पीएनबी मामले में आरोपी है नीरव मोदी

ज्ञात हो, नीरव मोदी करीब साढ़े ग्यारह हजार करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। आपको बता दें , 2018 में पीएनबी घोटाला मामला सामने आया था। इस घोटाले के उजागर होने के कुछ ही दिनों बाद नीरव मोदी परिवार समेत देश से फरार हो गया था। पीएनबी घोटाले के अलावा नीरव मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है। घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है जबकि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच ईडी जांच कर रही है।