Windfall Tax: भारत सरकार ने आज कच्चे तेल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स पर एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। डीजल पर विंडफॉल टैक्स जो पहले 1 रुपये प्रति लीटर था अब 0.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। वहीं पेट्रोलियम और एटीएफ पर कोई विंडफॉल टैक्स नहीं है। बता दें भारत सरकार ने जुलाई में कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लगाया था।

85 डॉलर के पार पहुंचे कच्चे तेल के दाम

सरकार की ओर से लिया गया ये फैसला काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि ओपेक प्लस ने प्रोडक्शन कट का ऐनान किया है और इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम 85 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं।

 

क्यों लगाया जाता विंडफॉल टैक्स?

देश में कच्चे तेल के प्रोड्यूसर्स पर विंडफॉल टैक्स इसलिए लगाया था क्योंकि प्राइवेट रिफाइनर इसे घर पर बेचने के बजाय विदेशी बाजारों में मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन से प्रोफिट कमा रहे थे। इस एक्स्ट्रा प्रोफिट के लिए सरकार ने इस टैक्स को लागू किया था। मालूम हो कच्चे तेल को जमीन से बाहर निकाला जाता है और समुद्र के नीचे से रिफाइंड किया जाता है। उसके बाद इसे पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) जैसे फ्यूल में कंवर्ट किया जाता है।

कब से लागू ​हुआ था ये टैक्स?

बता दें भारत ने पहली बार विंडफॉल टैक्स 1 जुलाई, 2022 में लगाया था। जो उन देशों में शामिल हो गया जो एनर्जी कंपनियों के सुपर नॉर्मल प्रोफिट पर पर टैक्स लगाते हैं। उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर (12 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया जाता था।

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