India News (इंडिया न्यूज), 16 Psyche: कभी न कभी आपने भी सोच होगा कि अगर आपको कहीं गड़ा हुआ खजाना मिल जाए तो आपकी जिंदगी सेट हो जाएगी। फिल्मों में भी दिखाया जाता है कि गड़ा हुआ खजाना मिलने के बाद जिंदगी बदल जाती है। एक मध्यम वर्गीय व्यक्ति अमीर आदमी की जिंदगी जीने लगता है। लेकिन क्या हो अगर वो खजाना जमीन में न होकर अंतरिक्ष में तैरता हुआ मिले। आप सोच रहे होंगे कि हम क्या बात कर रहे हैं। आपको लग रहा होगा कि ये मजाक है, लेकिन ये सच है। अंतरिक्ष में एक सबसे बड़ा खजाना तैर रहा है, अगर वो मिल जाए तो लाखों लोग एलन मस्क की तरह करोड़पति बन सकते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
ये किस धातु से बना है?
एक पत्थर या क्षुद्रग्रह जो मंगल और बृहस्पति के बीच अंतरिक्ष में तैर रहा है। अगर कोई इसे पा ले तो उस व्यक्ति के पास इतना पैसा होगा, जितना धरती पर कई लोगों के पास मिलकर भी नहीं होगा। दरअसल, ये सभी कीमती धातुओं को मिलाकर बनाया गया है। ये ज्यादातर निकल, लोहा और संभवतः सोना, प्लेटिनम से बना है, जो बहुत कीमती है। इसका नाम 16 साइकी है। नासा के अनुसार, यह ग्रह आलू के आकार का है और इसका औसत व्यास 140 मील है, जो पृथ्वी के चंद्रमा के व्यास का लगभग सोलहवाँ हिस्सा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहाँ मौजूद सोने की कीमत अरबों डॉलर में है।
हर किसी को अरबपति बना सकता है
अंतरिक्ष में ज़्यादातर क्षुद्रग्रह चट्टानी या बर्फीले होते हैं, लेकिन 16 साइकी को मृत ग्रह का खुला हिस्सा माना जाता है। इसीलिए अगर इसे बराबर हिस्सों में बाँट दिया जाए, तो पृथ्वी पर हर कोई अरबपति बन सकता है। साइकी की खोज 17 मार्च, 1852 को इतालवी खगोलशास्त्री एनीबेल डी गैसपरिस ने की थी। उन्होंने इस क्षुद्रग्रह का नाम साइकी के नाम पर रखा था। सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में इसे लगभग पाँच पृथ्वी वर्ष लगते हैं।
मिशन बदला
साइकी को अपनी धुरी पर एक चक्कर लगाने में सिर्फ़ चार घंटे से ज़्यादा समय लगता है। नासा के साइकी अंतरिक्ष मिशन को 2022 में लॉन्च किया जाना था और 2026 तक क्षुद्रग्रह तक पहुँचना था, लेकिन बाद में मिशन को 2023 तक के लिए टाल दिया गया।