India News (इंडिया न्यूज), Zomato Delivery Boy Viral Post:आये दिन देश के कोने-कोने से संघर्ष की हैरान करने वाली कहानियां सामने आती हैं। इसी तरह की एक कहानी Delhi-NCR से सामने आई है, जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर जो हम देख रहे हैं, उसकी सच्चाई क्या है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस कहानी में एक Zomato डिलीवरी एजेंट की तस्वीरें और उससे जुड़ी कहानी ने लाखों लोगों के दिलों को छू लिया है।

दरअसल, दिल्ली के एक सामाजिक कार्यकर्ता किरण वर्मा नोएडा में अपनी कार पार्क कर रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक Zomato डिलीवरी बॉय बाइक पर बैठकर खाना खा रहा है। पहले तो उन्हें लगा कि डिलीवरी एजेंट किसी ग्राहक का खाना खुद खा रहा है। इसी सोच के साथ उन्होंने उसकी तस्वीर भी खींची और सोचा कि यह गलत है। लेकिन जब उन्होंने डिलीवरी एजेंट से बात की तो सच्चाई जानकर उनके होश उड़ गए।

डिलीवरी बॉय ने बयां की कहानी

डिलीवरी बॉय ने बताया कि उसने दोपहर करीब 2 बजे एक ऑर्डर पिक किया था, लेकिन जब वह ग्राहक के पते पर पहुंचा तो वहां कोई नहीं था। उसे Zomato से एक ऑर्डर मिला था, उस ऑर्डर को ‘डिलीवर’ के तौर पर मार्क करना था। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि बार-बार डिलीवरी की कोशिश न करनी पड़े और कंपनी का खर्च भी कम हो। एक बार ऑर्डर ‘डिलीवर’ हो जाने के बाद, खाना डिलीवरी एजेंट का हो जाता है। विशाल ने बताया कि उन्होंने दिन में वह खाना नहीं खाया, क्योंकि वह होली के मौके पर ज़्यादा डिलीवरी करके अतिरिक्त प्रोत्साहन कमाना चाहते थे।

ग्रेजुएट हैं, लेकिन फिर भी नौकरी नहीं मिल रही

विशाल ने यह भी बताया कि वह ग्रेजुएट हैं, लेकिन नौकरी नहीं मिल रही, इसलिए वह डिलीवरी का काम करते हैं। उनके पिता पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक छोटे किसान हैं और दो छोटे भाई-बहन पढ़ाई कर रहे हैं। पूरे परिवार की ज़िम्मेदारी उन पर है और ऐसे मौकों पर बचा हुआ खाना उनके लिए ज़िंदगी की उम्मीद से कम नहीं है।

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ज़ोमैटो के सीईओ ने किया धन्यवाद

जब किरण वर्मा ने उनकी हालत देखी, तो उन्होंने मदद की पेशकश की, लेकिन विशाल ने विनम्रता से कहा, ‘सर, मैं मेहनत कर सकता हूँ, भीख नहीं माँग सकता।’ इस पर वर्मा ने उन्हें गुजिया गिफ्ट की और अपने घर पर होली मनाने का निमंत्रण भी दिया। वर्मा ने कहा, ‘हमें किसी को देखकर जल्दी से जज नहीं करना चाहिए, क्योंकि हर किसी के पीछे एक कहानी होती है।’ उन्होंने गिग वर्कर्स को कुछ सहायता प्रदान करने के लिए ज़ोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल को भी धन्यवाद दिया

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