India News (इंडिया न्यूज),Sanatan Dharma: जाने अनजाने में हमसे हजारों पाप होते हैं, लेकिन कुछ पाप और गुनाह ऐसे होते हैं जो हमारी रातों की नींदे भी उड़ा देते हैं। वहीँ इसका सबसे बड़ा इलाज पापों का प्रायश्चित ही है। वहीँ ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश से सामने आ रहा है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी के किनारे दशाश्वमेध घाट पर एक खूबसूरत नजारा देखने को मिला। दरअसल यहां एक बांग्लादेशी की रहने वाली मुस्लिम महिला ने सनातन धर्म अपना लिया। बताया जा रहा है कि लंदन में पली-बढ़ी इस महिला ने एक ईसाई लड़के से शादी कर ली थी। लेकिन फिर 27 साल पहले जाने-अनजाने में उससे एक ऐसा पाप किया जिसे वो आज तक नहीं भूल पाई। इसी के बाद महिला ने इस्लाम धर्म छोड़ सनातन धर्म अपना लिया है।
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अपनाया सनातन धर्म
दरअसल, वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर मूल रूप से बांग्लादेश की रहने वाली अम्बिया बानो नामक मुस्लिम महिला ने पूरे वैदिक रीति-रिवाज के साथ सनातन धर्म अपना लिया है। बताया जा रहा है कि वो लंदन में रहती हैं। पुजारी पंडित रामकिशन पांडे के मार्गदर्शन में अम्बिया ने पंचगव्य से शुद्धिकरण करवाया और दशाश्वमेध घाट पर पांच वैदिक ब्राह्मणों के माध्यम से पिंडदान अनुष्ठान करवाया। नए जीवन की शुरुआत के तौर पर उनका नाम भी बदलकर अम्बिया माला रख दिया गया। जी हाँ ये महिला अम्बिया बानो से अम्बिया माला बन चुकी है।
नहीं भूल पा रही थी ये अपराध
इस 49 साल की महिला ने बताया कि उनकी शादी ईसाई धर्म को मानने वाले नेविल बॉर्न जूनियर से हुई थी। नेविल ने इस्लाम धर्म स्वीकार किया और फिर दोनों ने शादी कर ली। करीब एक दशक तक साथ रहने के बाद दोनों ने तलाक ले लिया। लेकिन करीब 27 साल पहले उन्होंने पश्चिमी सोच के प्रभाव में आकर गर्भपात करवा लिया। उस समय करवाया गया गर्भपात आज तक उन्हें चैन से जीने नहीं देता।
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