India News (इंडिया न्यूज), Uttar Pradesh Murder Case: लखनऊ के रायबरेली रोड पर स्थित पीजीआई इलाके में शुक्रवार सुबह एक महिला घायल अवस्था में सड़क पर पड़ी मिली। मॉर्निंग वॉक पर निकले स्थानीय लोगों ने महिला को देखकर तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को एपेक्स ट्रामा सेंटर में भर्ती करवाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
भाई ने लगाया हत्या का आरोप
मृतक महिला के भाई लालचंद ने लिव-इन पार्टनर गिरिजा शंकर पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। भाई का कहना है कि यह मामला एक्सीडेंट का नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या का है।
पीड़िता का परिचय
मृतक महिला की पहचान गीता शर्मा के रूप में हुई है, जो रायबरेली की रहने वाली थी। वह पीजीआई स्थित नीलगिरी अपार्टमेंट में अकेले रहती थी और प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करती थी।
घटना की परिस्थितियां
स्थानीय लोगों ने सुबह करीब छह बजे पुलिस को सूचना दी कि एक महिला घायल अवस्था में ट्रामा सेंटर के पास पड़ी हुई है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर देखा कि महिला के शरीर पर चोट के कई निशान थे और खून बह रहा था। ट्रामा सेंटर में जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का खुलासा
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर गंभीर चोट लगने की पुष्टि हुई है। लालचंद का कहना है कि गिरिजा शंकर ने उन्हें फोन करके पहले एक्सीडेंट की सूचना दी थी। लेकिन घटनास्थल और परिस्थितियां कुछ और ही कहानी बयां कर रही हैं।
लिव-इन रिलेशनशिप और बीमा का मामला
लालचंद ने बताया कि गीता और गिरिजा शंकर कई वर्षों से लिव-इन में रह रहे थे। गीता के नाम पर करीब एक करोड़ का बीमा था, जिसका नामांकन गिरिजा शंकर के नाम था। लालचंद ने यह भी आरोप लगाया कि गिरिजा शंकर ने उन्हें रायबरेली में एक घंटे तक गाड़ी में घुमाया और बाद में पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया।
पुलिस की जांच और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
पीजीआई इंस्पेक्टर ने बताया कि महिला की मौत के मामले में हर पहलू की गहन जांच की जा रही है। ट्रामा सेंटर के पीछे महिला का पड़ा होना और उसके शरीर पर चोट के निशान मामले को संदिग्ध बनाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि गीता अपने काम में व्यस्त रहती थी और ज्यादा लोगों से मेलजोल नहीं रखती थी।
गीता शर्मा की मौत एक गहरी साजिश की ओर इशारा करती है। पुलिस द्वारा मामले की जांच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट तथा अन्य साक्ष्यों के आधार पर दोषी को सजा दिलाने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है। यह घटना एक बार फिर लिव-इन रिलेशनशिप और व्यक्तिगत हितों से जुड़े विवादों पर सवाल खड़े करती है।