India News (इंडिया न्यूज),  Abhinav Arora Viral Video: आप सब लोग अच्छी तरह जानते हैं कि, बाल संत अभिनव अरोड़ा कौन हैं। आये दिन उनका कोई न कोई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता ही रहता है। अभिनव अरोड़ा की भक्ति पर अब तक न जाने कितने लोग सवाल उठा चुके हैं आये दिन अभिनव अरोड़ा को ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो उनके साथ खड़े हैं और उनकी तारीफ भी करते हैं। देश के कई कथावाचकों और संतों ने उन्हें अपना आशीर्वाद भी दिया है और सनातन धर्म के प्रति उनके समर्पण को भी सराहा है। लेकिन अब एक बार फिर से अभिनव अरोड़ा चर्चा में बने हुए हैं।

वायरल हो रहा वीडियो

इस बार अभिनव अरोड़ा अपने एक वायरल हो रहे वीडियो को लेकर चर्चा में छाए हुए हैं। उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे एक लग्जरी कार से उतरते दिखाई दे रहे हैं और उनके ऊपर खूब फूलों की बरसात हो रही है। साथ ही उनके आसपास लगभग 5 या 7 बॉडीगार्ड भी दिखाई दे रहे हैं। लोगों ने इन बोडीगार्ड्स की वजह से उन्हें ट्रोल किया है। उनके इस वीडियो पर लिखा है कि, ‘कथा स्थल पर आगमन’। अभिनव अरोड़ा ने भी एक वीडियो शेयर किया था जिसमें आप देख सकते हैं कि सड़क के किनारे एक पोस्टर लगाया गया है, उनके इस पोस्टर में अभिनव अरोड़ा की कथा के आयोजन की सारी जानकारी दी गई है।

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कब हुई थी अभिनव अरोड़ा की कथा?

पोस्टर में अभिनव अरोड़ा की कथा 6 अप्रैल को राम नवमी के अवसर पर दिल्ली में आयोजित की गई थी। पोस्टर के मुताबिक, यह कथा ‘राम जन्मभूमि की संगीतमय गाथा’ पर आधारित थी। अभिनव अरोड़ा के इंस्टाग्राम अकाउंट से इस कथा की कुछ तस्वीरें शेयर की गईं हैं और लिखा गया है कि राम नवमी के अवसर पर नई दिल्ली में राम जन्मभूमि कथा “मेरी अयोध्या मेरे राम” का आयोजन हुआ है। इस मौके पर कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे था।

सोशल मीडिया पर भड़के यूजर्स

अब इन तस्वीरों और वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि क्या अभिनव अरोड़ा अब भक्त से बाबा या कथावाचक बन गए हैं? एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि वह खुद का नहीं, बल्कि सनातन धर्म का मजाक उड़ा रहे हैं। अगर मशहूर होना ही कथा का मापदंड है, तो कल कोई पुजारी भी कथा करने का ढोंग कर सकता है। एक अन्य ने लिखा कि अभिनव अरोड़ा अब कथा करने लगे हैं? क्या उन्होंने पूरी भागवत पढ़ी है? क्या उन्होंने रामचरितमानस पढ़ी है? क्या उन्होंने किसी संस्कृत विद्यालय से पढ़ाई की है? एक अन्य ने लिखा कि वह बच्चा था, रील बनाता था, भक्ति करता था, सब ठीक था, लेकिन कथावाचक? यह ठीक नहीं है। अपने धर्म का मजाक न उड़ाएं। यही मेरी विनती है। एक अन्य ने लिखा कि अगर वह सभी बाबाओं, कथावाचकों और संतों से आशीर्वाद लेने के बाद कथा शुरू कर रहा है, तो इसमें गलत क्या है?

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