India News (इंडिया न्यूज), Africa Continent: वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती के नीचे मौजूद टेक्टोनिक फोर्स तेजी से जमीन को नया आकार दे रही है, जिसकी वजह से अफ्रीकी महाद्वीप पूरी तरह से टूट जाएगा और धरती का नक्शा हमेशा के लिए बदल जाएगा। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि पहले यह प्रक्रिया लाखों साल तक चलने वाली थी, लेकिन अब यह आने वाले 10 लाख साल या उससे भी कम समय में तेजी से पूरी होने वाली है। अफ्रीकी और सोमाली प्लेटें हर साल 0.8 सेंटीमीटर की दर से अलग हो रही हैं।

दो हिस्सों में बंट रहा है अफ्रीका

यह लगातार प्रक्रिया पूर्वी अफ्रीका को दो हिस्सों में बांट रही है। इसकी वजह से बड़े पैमाने पर दरारें बन रही हैं और जमीन का हिस्सा कमजोर हो रहा है। इथियोपिया के अफार क्षेत्र में 60 किलोमीटर लंबी दरार बन चुकी है और 10 मीटर की गहराई तक पहुंच चुकी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दरार पूरे अफ्रीकी महाद्वीप को और चीर देगी, जिसके बाद एक नया महासागर बन जाएगा। यह दरार पूर्वी अफ्रीका के कुछ इलाकों को बाकी महाद्वीप से पूरी तरह अलग कर सकती है।

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420 से ज़्यादा भूकंप

2005 में इथियोपिया में 420 से ज़्यादा भूकंप आए थे, जिसकी वजह से एक बहुत बड़ी दरार बन गई और ज़मीन दरक गई। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह प्रक्रिया कुछ सदियों में होती है, लेकिन यह कुछ ही दिनों में हो गई। वैज्ञानिकों के मुताबिक नया महासागर बनने की वजह से अफ्रीका का नक्शा फिर से बन जाएगा और इसका पारिस्थितिकी तंत्र हमेशा के लिए बदल जाएगा। युगांडा और जाम्बिया जैसे ज़मीन से घिरे देश समुद्र तक पहुँच सकते हैं। साथ ही कई देश समुद्र में डूब भी सकते हैं।

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