India News (इंडिया न्यूज), DJs and loud speakers: परीक्षा के समय या आप काम से थके हुए घर आते हैं लेकिन किसी डीजे या लाउड स्पीकर की आवाज इसमें खलल ड़ालती है और आप इससे परेशान हो चुके है, तो इससे बचने के कई कानूनी उपाय सरकार ने कर रखे है। क्या आपको पता है कि रात 10 बजे के बाद डीजे बजाने पर प्रतिबंध है। अगर कोई नहीं मानता है तो उस पर जुर्माना भी लागाया जा सकता है। तो आइये जानते हैं डीजे और लाउडस्पीकर को ले हमारे कानून में क्या प्रावधान हैं।
क्या कहते हैं कानून?
डीजे और लाउड स्पीकर को लेकर सरकार ने कानून बना रखे हैं। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) कानून-2000 के तहत रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर और डीजे बजाने पर रोक है। इसके लिए जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। हलांकि राज्य सरकार कुछ शर्तों के साथ रात 12 बजे तक इसे बजाने की परमीशन दे सकती है। इसके बारे में NGT नें भी दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके तहत कोई भी एक तय सीमा से तेज आवाज में लाउडस्पीकर या डीजे नहीं बजा सकता।
ये भी पढ़ें- UP Police Constable Exam 2024: यूपी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा रद्द, जानिए कब होगा दोबारा एग्जाम
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी CPCB ने भी आवाजों का एक मानक तय कर रखा है। इसके तहत कोई भी किसी रिहायशी इलाके में दिन के समय 55 डेसी बल और रात के समय 45 डेसी बल से अधिक पर शोर नहीं कर सकता। हमारे संविधान भी हमें आर्टीकल 21 के तह एक शोर मुक्त और शांत वातावरण में रहने का मौलिक अधिकार देता है। अगर आपके इस मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है तो आप सीधे सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट जा सकते हैं।
तेज आवाज से क्या है खतरे?
एक सीमा से तेज आवाज ध्वनि प्रदूषण की श्रेणी में आता है। इससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ध्वनि प्रदूषण से हमारे कान प्रभावित होते है जिससे सुनने की क्षमता कम हो जाती है। इसका सबसे बुरा असर छोटे बच्चों पर पड़ता है। इसके अलावा लोगों में नींद न आने की समस्या, दिल की बिमारी, माइग्रेन, डिप्रेशन, ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
ये भी पढ़ें- Sandeshkhali Protest: संदेशखाली में लोगों का फूटा गुस्सा, भीड़ ने TMC नेता को घर में घुसकर पीटा