India News (इंडिया न्यूज), Calcutta High Court shivling: कई बार दुनिया में कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जो हमें चमत्कारों के विषय में सोचने पर मजबूर कर देती हैं। एक ऐसी ही घटना घटी थी करीब दो साल पहले कलकत्ता हाईकोर्ट में। कोर्ट में आम दिनों की तरह ही कार्यवाही चल रही थी, जहां जमीन विवाद से जुड़े एक मामले में दोनों पक्षों के वकील अपने मुवक्किलों की ओर से बहस कर रहे थे। दोनों वकीलों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस जॉय सेनगुप्ता ने विवादित जमीन पर स्थापित शिवलिंग को हटाने का आदेश दिया। हालांकि, इसके बाद जो हुआ, उसने सभी को हैरान कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस सेनगुप्ता का फैसला दर्ज करते वक्त कोर्ट के असिस्टेंट रजिस्ट्रार अचानक बेहोश हो गए। उनकी हालत देखकर जज भी हैरान रह गए और आश्चर्यजनक रूप से अपने फैसले से पीछे हट गए। जस्टिस सेनगुप्ता ने कहा कि हाईकोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा और याचिकाकर्ताओं को निचली अदालत में जाना चाहिए।

क्या था यह जमीन विवाद?

जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के खिदिरपुर के गोविंद मंडल और सुदीप पाल के बीच जमीन के एक टुकड़े को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। साल 2022 के मई में मामला तब गरमा गया, जब दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ हिंसा का सहारा लिया। आरोप के मुताबिक इस झड़प के बाद गोविंद मंडल ने रातों-रात उस जमीन पर चुपके से शिवलिंग रख दिया।

इस संबंध में सुदीप पाल ने नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन सिविल मामला होने के कारण पुलिस ने भी इस पर कोई खास कार्रवाई नहीं की। ऐसे में सुदीप पाल ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

अदालती कार्यवाही के दौरान सुदीप पाल के वकील ने दलील दी कि गोविंद मंडल ने विवादित जमीन पर अवैध रूप से शिवलिंग रखा है और पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने के कारण मामले में कोर्ट के हस्तक्षेप की जरूरत है।

कोर्ट रूम में अफरा-तफरी

इसके जवाब में गोविंद मंडल के वकील ने जोर देकर कहा कि उनके मुवक्किल ने जमीन पर कोई शिवलिंग नहीं रखा है और धार्मिक प्रतीक अपने आप जमीन से निकल आया है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस सेनगुप्ता ने अपना फैसला सुनाया और विवादित जमीन पर मौजूद शिवलिंग को हटाने का आदेश दिया। हालांकि, जैसे ही असिस्टेंट रजिस्ट्रार अपना फैसला दर्ज कर रहे थे, वे अचानक बेहोश हो गए, जिससे कोर्ट रूम में अफरा-तफरी मच गई।

5 बीवियां और 26 बच्चे वाला वो हैवान जिसे मिली चूहे की मौत, इस जगह छोड़ गया परिवार, अब बेटा भुगत रहा 3 हजार मौतों की सजा

इसके बाद जस्टिस सेनगुप्ता ने भी अपना फैसला बदलते हुए कहा कि हाईकोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा और इस मामले को निचली अदालत के जरिए सिविल सूट के तौर पर आगे बढ़ाया जाए।

पगड़ी उछलते वक्त राकेश टिकैत ने पहचान लिए वो ‘नए हिंदू’, अब करेंगे ऐसा काम…खुद ही लीक कर दिया आगे का प्लान