India News (इंडिया न्यूज), Asteroid News: दुनिया भर के वैज्ञानिक एस्टेरॉयड 2024 YR4 पर नज़र बनाए हुए हैं। इस एस्टेरॉयड या क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की संभावना बढ़ती जा रही है। वैज्ञानिकों ने पहले इसके पृथ्वी से टकराने की एक प्रतिशत संभावना जताई थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 2.3 प्रतिशत कर दिया गया है। बढ़ते खतरे को लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं। सबसे ज़्यादा चिंता की बात यह है कि इसकी गति और आकार का पता नहीं चल पा रहा है। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि इसका आकार 200 मीटर तक हो सकता है।
कितना खतरनाक हो सकता है?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने यह पहचान करना शुरू कर दिया है कि एस्टेरॉयड 2024 YR4 से किन क्षेत्रों को ख़तरा हो सकता है। क्षेत्रों की पहचान करने के बाद लोगों को पहले से बचाने के प्रयास शुरू किए जा सकते हैं। नासा के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगर क्षुद्रग्रह 2024 YR4 पृथ्वी से टकराता है तो यह पूरे शहर को तबाह कर सकता है।
नासा ने उन संभावित रास्तों को तैयार कर लिया है, जहां यह ख़तरनाक क्षुद्रग्रह गिर सकता है। इनमें भारत समेत कई घनी आबादी वाले देश शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि अगर कोई क्षुद्रग्रह धरती पर गिरता है तो वह 500 परमाणु बमों से भी ज्यादा शक्तिशाली ऊर्जा पैदा कर सकता है। इससे कितने बड़े पैमाने पर विनाश होगा, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।
एस्टेरॉयड के धरती से टकराने का बढ़ा खतरा
नासा के कैटालिना स्काई सर्वे प्रोजेक्ट के इंजीनियर डेविड रैंकिन ने क्षुद्रग्रह के गिरने के जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान की है। इनमें उत्तरी दक्षिण अमेरिका से लेकर प्रशांत महासागर, दक्षिण एशिया, अरब सागर और उप-सहारा अफ्रीका तक के क्षेत्र शामिल हैं। भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, इथियोपिया, सूडान, नाइजीरिया, वेनेजुएला, कोलंबिया और इक्वाडोर जैसे देशों पर क्षुद्रग्रह के गिरने की सबसे ज्यादा संभावना है। वैज्ञानिक रैंकिन का कहना है कि इसके टकराने की संभावना कम है, लेकिन अगर 2024 YR4 धरती से टकराता है तो इसके संभावित परिणामों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
एस्टेरॉयड को खतरनाक श्रेणी में रखा गया
क्षुद्रग्रह 2024 YR4 की खोज पिछले साल दिसंबर में हुई थी। इसके बाद नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया था। पहले इसके टकराने की संभावना एक प्रतिशत थी, लेकिन अब यह बढ़कर 2.3 प्रतिशत हो गई है। वैज्ञानिकों ने इसे बेहद खतरनाक श्रेणी में रखा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके आकार और गति के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है।
अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, यह क्षुद्रग्रह 22 दिसंबर 2032 को पृथ्वी से करीब 1 लाख 6 हजार किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। इसमें त्रुटि का मार्जिन 1.6 मिलियन किलोमीटर हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दूरी पर यह क्षुद्रग्रह पश्चिमी मध्य अमेरिका से उत्तरी दक्षिण अमेरिका, मध्य अटलांटिक महासागर, अफ्रीका के कुछ क्षेत्रों से होते हुए भारत तक एक संकरी पट्टी में पृथ्वी से टकरा सकता है।