India News (इंडिया न्यूज),Aurangzeb Controversy: देश की राजनीति में मुगल शासक औरंगजेब चर्चा में है। इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो विवादित मुगल शासकों में सबसे बड़ा नाम औरंगजेब का है। औरंगजेब ने गैर-मुसलमानों पर जजिया कर जैसी भेदभावपूर्ण नीतियां लागू कीं। औरंगजेब ने सिख गुरु तेग बहादुर का सिर कटवा दिया। उसने गुरु गोविंद सिंह के बेटों को दीवार में जिंदा चिनवा दिया, जबकि संभाजी महाराज की आंखें फोड़ दी गईं और नाखून निकलवा दिए गए।

हिंदू मंदिरों को कर दिया नष्ट

औरंगजेब के शासन काल में भारत में शरीयत के आधार पर फतवा-ए-आलमगीरी लागू की गई और बड़ी संख्या में हिंदू मंदिरों को नष्ट कर दिया गया। काशी और सोमनाथ के मंदिरों को नष्ट कर दिया गया और लाखों हिंदुओं को मार डाला गया। उसकी क्रूरता के कारण ही मुगल साम्राज्य लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में अधिकतम विस्तार करने में सक्षम हुआ। कहा जाता है कि अपनी मृत्यु से पहले उसने अपने पापों का पश्चाताप किया और अपने बेटों आजम शाह और काम बख्श को एक पत्र लिखकर खेद व्यक्त किया। इन पत्रों में उन्होंने अपने पापों और असफलताओं का उल्लेख किया।

औरंगजेब ने अपने आखिरी पत्र में जो लिखा, वह उसके पश्चाताप की कहानी बयां करता है। मरने से पहले औरंगजेब ने अपने बेटों को लिखे पत्र में अपने पापों का जिक्र किया था। इस पत्र में उसने लिखा था कि उसने लोगों का कोई भला नहीं किया और उसका जीवन बर्बाद हो गया। उसने यह भी लिखा था कि उन्हें अपने पापों का परिणाम भुगतना पड़ेगा।

पिता को भी किया था प्रताड़ित

आपको बता दें कि औरंगजेब के पिता शाहजहां थे। औरंगजेब ने अपने पिता को भी काफी प्रताड़ित किया था। औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को आगरा के किले में कैद कर दिया था और उन्हें पानी के लिए तरसा दिया था। शाहजहां ने अपनी आत्मकथा ‘शाहजहांनामा’ में औरंगजेब के लिए काफी कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया था। शाहजहां ने लिखा था कि भगवान ऐसे बच्चों को जन्म न दे। शाहजहां ने औरंगजेब की तुलना हिंदुओं से की है, जो अपने माता-पिता की सेवा करते हैं और उनकी मृत्यु के बाद तर्पण करते हैं। उन्होंने लिखा है कि जो हिंदू अपने माता-पिता की सेवा करते हैं और उनकी मृत्यु के बाद तर्पण करते हैं, वे औरंगजेब से बेहतर हैं।

आपको बता दें कि औरंगजेब अपने साम्राज्य को अपने बेटों में बांटना चाहता था। वह उत्तराधिकार को खत्म करना चाहता था, लेकिन उसकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी। उसके बेटों में भी गद्दी के लिए युद्ध हुआ। उसके तीन बेटों मुहम्मद मुअज्जल, मुहम्मद आजम और कामबख्श के बीच उत्तराधिकार का युद्ध हुआ। उसके बड़े बेटे शहजादा मुअज्जल ने युद्ध जीत लिया और उसने अपने भाई मुहम्मद आजम को 18 जून 1707 ई. में जाजौ में और कामबख्श को जनवरी 1709 ई. में हैदराबाद में मार डाला।

Instagram और Facebook पर चल रहा है ये सीक्रेट खेल, तबाह हो रही हैं लोगो की नौकरियां, ना करें ये गलतियां वरना बर्बाद हो जाएगा करियर

औरंगजेब आलमगीर का मकबरा

आपको बता दें कि औरंगजेब की मृत्यु 1707 ई. में हुई थी। महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पास खुल्दाबाद नाम के एक छोटे से गांव में औरंगजेब आलमगीर का मकबरा बनाया गया था, जहां उसे साधारण तरीके से दफनाया गया था। उसकी कब्र कच्ची मिट्टी से बनी थी, जिस पर आसमान के अलावा कोई और छत नहीं रखी गई थी। कब्र की देखभाल करने वाले समय-समय पर उसकी कब्र पर हरी घास लगाते हैं। इस कच्ची कब्र में लेटा भारत का यह बादशाह आज भी पश्चाताप की आग में जलता हुआ ईश्वर से मिलने का इंतजार कर रहा है।

इस देश में कब्रिस्तान बने सबसे बड़े टूरिस्ट प्लेस, मरे हुए लोगों के साथ पिकनिग मनाने जाते हैं लोग, हैरान कर देगी वजह