India News (इंडिया न्यूज), Bermuda Triangle Mystery: बरमूडा ट्राएंगल एक ऐसा नाम है जिसने दशकों से दुनिया को हैरान कर रखा है। लेकिन अब ये अपने रहस्य से मुक्ति पाता नजर आ रहा है। हाल ही में एक नया खुलासा हुआ जिसमें दावा किया गया है कि इस क्षेत्र में जहाजों और विमानों के गायब होने के पीछे न तो कोई अलौकिक शक्ति है और न ही एलियन या समुद्री भंवर का कोई मामला है बल्कि इसकी वजह समुद्र के नीचे मौजूद खास तरह की चट्टानें हैं।
विज्ञान ने खोजा रहस्य
चैनल 5 की डॉक्यूमेंट्री ‘सीक्रेट्स ऑफ द बरमूडा ट्राएंगल’ में खनिज विशेषज्ञ निक हचिंग्स ने एक नया नजरिया पेश किया है। उन्होंने बताया कि बरमूडा एक समुद्री पर्वत है, जो करीब 30 करोड़ साल पहले एक सक्रिय ज्वालामुखी था। हालांकि अब यह निष्क्रिय हो चुका है, लेकिन इसके ऊपरी हिस्से अभी भी मौजूद हैं। इन चट्टानों में मैग्नेटाइट नामक खनिज होता है, जो पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सबसे शक्तिशाली चुंबकीय पदार्थ है।
हैरान करने वाला नतीजा आया सामने
हचिंग्स ने बताया कि जब उन्होंने इन चट्टानों के टुकड़ों और कम्पास के साथ प्रयोग किया तो हैरान कर देने वाला नतीजा सामने आया। कम्पास को जैसे ही चट्टानों के पास लाया गया, उसकी सुई तेजी से घूमने लगी। इसका मतलब है कि ये चट्टानें कम्पास को गड़बड़ कर देती हैं, जिससे नाविकों और पायलटों को दिशा भ्रम हो सकता है और इसी वजह से दुर्घटनाएं होती हैं।
पिछले 100 सालों में गायब हुए इतने जहाज
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले 100 सालों में बरमूडा ट्राएंगल में करीब 75 हवाई जहाज और 100 से ज्यादा जहाज रहस्यमयी तरीके से गायब हो चुके हैं, जिसमें 1000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इस इलाके के बारे में सबसे पहले जानकारी क्रिस्टोफर कोलंबस ने दी थी, जिन्होंने अपने अनुभवों में असामान्य घटनाओं का जिक्र किया था। अब जब वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसके पीछे के कारण सामने आ रहे हैं, तो यह रहस्य सिर्फ मिथक नहीं रहेगा, बल्कि विज्ञान के दृष्टिकोण से समझा जाएगा।