India News (इंडिया न्यूज), Earths Inner Core: पृथ्वी के कोर के अंदर कुछ ऐसा हो रहा है जिसे वैज्ञानिक अब तक पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं। वैज्ञानिकों ने पाया है कि पृथ्वी का आंतरिक कोर अपना आकार बदल रहा है। यह खोज हमारे 24 घंटे के दिन की लंबाई, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और अन्य भूगर्भीय प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकती है। लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि पृथ्वी का आंतरिक कोर ठोस और स्थिर है, लेकिन नए अध्ययनों ने इस धारणा को चुनौती दी है।
भूकंप की तरंगों से हुआ खुलासा
दरअसल, नेचर डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस खोज का आधार भूकंप की तरंगों का विश्लेषण है। वैज्ञानिकों ने अलास्का और कनाडा में लगे सीस्मोमीटर से दक्षिण अटलांटिक महासागर में दक्षिण सैंडविच द्वीप समूह में आए भूकंप की तरंगों को रिकॉर्ड किया। 2004 से 2008 के बीच दर्ज किए गए डेटा से पता चला कि कुछ तरंगों की तरंगें बदल गई थीं। इसका कारण यह था कि ये तरंगें पृथ्वी के आंतरिक कोर से होकर गुजरी थीं, जो समय के साथ अपना आकार बदल रही थी।
आंतरिक कोर की गति और विकृति
पृथ्वी के आंतरिक कोर को बाहरी कोर घेरे हुए है और दोनों के बीच की सीमा लगभग 5,100 किलोमीटर नीचे स्थित है। पहले के अध्ययनों से यह साबित हो चुका है कि आंतरिक कोर ठोस धातु से बना है और यह पिघले हुए बाहरी कोर में घूमता रहता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि इसकी घूर्णन गति समय-समय पर तेज और धीमी होती रहती है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह परिवर्तन अकेले आंतरिक कोर के घूमने के कारण नहीं हो सकता है, बल्कि बाहरी कोर के साथ इसके संबंध में भौतिक परिवर्तनों के कारण भी हो सकता है।
पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और दिन की लंबाई पर प्रभाव
यह अध्ययन पृथ्वी की गहराई में हो रहे परिवर्तनों को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आंतरिक कोर समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ रहा है, क्योंकि बाहरी कोर में मौजूद लोहे के कण क्रिस्टलीकृत होकर उस पर जमा हो जाते हैं। यह प्रक्रिया बाहरी कोर में गतिशीलता बनाए रखती है, जिससे पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र सक्रिय रहता है। इसके अलावा, आंतरिक कोर के घूमने की गति में बदलाव से पृथ्वी के घूमने पर भी असर पड़ सकता है, जिससे दिन की लंबाई थोड़ी कम या ज्यादा हो सकती है।
अधिक शोध की आवश्यकता
इस शोध से पृथ्वी के आंतरिक कोर के बारे में हमारी समझ बढ़ी है, लेकिन कई सवाल अभी भी अनसुलझे हैं। वैज्ञानिक अब गहराई से जांच कर रहे हैं कि क्या यह परिवर्तन भविष्य में दिन की लंबाई को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन विडेल के अनुसार, पहली बार हम देख रहे हैं कि आंतरिक कोर विकृत हो रहा है। हमें इसे और गहराई से समझने की आवश्यकता है ताकि पृथ्वी के रहस्यों को उजागर किया जा सके।