India News (इंडिया न्यूज), Mysterious Bacteria in Space: वैज्ञानिकों को चीन के तियांगोंग स्पेस स्टेशन पर एक ऐसा बैक्टीरिया मिला है, जो बेहद रहस्यमयी है। यह खोज अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। यह बैक्टीरिया कहां से आया और क्या यह अंतरिक्ष में रहने वालों के लिए खतरा बन सकता है?
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के तियांगोंग स्पेस स्टेशन पर मिले इस बैक्टीरिया की खासियत यह है कि इसे जिंदा रहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं चाहिए और यह विपरीत परिस्थितियों में भी जिंदा रहता है। इस बैक्टीरिया का नाम नोवोहर्बेसिलम तियांगोंगेंसिस (N. तियांगोंगेंसिस) बताया जा रहा है। शेनझोउ स्पेस बायोटेक्नोलॉजी ग्रुप और बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेसक्राफ्ट सिस्टम इंजीनियरिंग के वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह बैक्टीरिया तियांगोंग तक कैसे पहुंचा, यह अभी भी रहस्य है।
अंतरिक्ष में बैक्टीरिया कैसे पनपा?
यह अपने आप में एक सवाल है कि अंतरिक्ष में बैक्टीरिया कैसे पनपा? क्या यह बीजाणु के रूप में धरती से वहां गया या फिर अंतरिक्ष स्टेशन के खास माहौल में इसका जन्म हुआ? इसका जवाब अभी वैज्ञानिकों के पास नहीं है। हाल ही में एक माइक्रोबायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, यह नया बैक्टीरिया जिलेटिन को तोड़कर उससे नाइट्रोजन और कार्बन ले सकता है। यही खासियत इसे अनोखा बनाती है। इसकी वजह से यह बैक्टीरिया मुश्किल हालात में भी अपने ऊपर एक मजबूत सुरक्षा कवच बना लेता है।
हैरानी की बात यह है कि इस बैक्टीरिया की एक प्रजाति धरती पर भी मौजूद है, जो कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में सेप्सिस जैसी खतरनाक बीमारी फैला सकती है। धरती पर मौजूद इस प्रजाति के बैक्टीरिया दूसरी चीजें खाकर जिंदा रहते हैं, लेकिन यह अंतरिक्ष बैक्टीरिया सिर्फ जिलेटिन पर ही निर्भर है। इस नई ताकत और इसके रिश्तेदार की खतरनाक प्रकृति को देखकर वैज्ञानिकों को चिंता है कि यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।
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कई तरह के सवाल उठ रहे
तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर अंतरिक्ष यात्री नियमित रूप से सतहों को सैनिटाइज करते हैं और बैक्टीरिया पर कड़ी नजर रखते हैं। स्टेशन में हवा को साफ करने के लिए खास फिल्टर सिस्टम भी लगाए गए हैं, फिर भी धरती की तरह अंतरिक्ष में बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों को पूरी तरह से रोकना मुश्किल है। अब एन. तियांगोंगेंसिस बैक्टीरिया को लेकर सवाल यह है कि क्या यह नई समस्याएं पैदा करेगा या यह सिर्फ एक अनोखी वैज्ञानिक खोज है। यह धीरे-धीरे साफ हो जाएगा।
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