India News (इंडिया न्यूज), Hydrogen Bomb: चीन ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वो विकास और विनाश की राह पर एक साथ बढ़ रहा है। हमेशा से ही वो अपने अजीबोगरीब प्रयोगों के लिए चर्चा में रहता है। कभी खाने को लेकर तो कभी किसी और चीज को लेकर। हाल ही में चीनी वैज्ञानिकों ने बिना यूरेनियम और प्लूटोनियम की मदद से एक ऐसा बम बनाया है जो न सिर्फ विनाशकारी है बल्कि परमाणु विस्फोट जैसी भयानक तबाही भी मचा सकता है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि चीन ने इसे चांदी जैसे दिखने वाले पाउडर से बनाया है। इस बम का वजन दो किलोग्राम है, लेकिन परीक्षण के दौरान इसने 1000 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा तापमान का आग का गोला बनाया। यह विस्फोट 15 गुना ज्यादा शक्तिशाली था।

चीन के हाइड्रोजन बम की विशेषता

यह एक हाइड्रोजन बम है, जिसकी खासियत यह है कि इसमें मैग्नीशियम हाइड्राइड नामक एक खास पदार्थ का इस्तेमाल किया गया है। जब यह पदार्थ सक्रिय होता है, तो इसका तेजी से तापीय विघटन होता है। इससे हाइड्रोजन गैस निकलती है, जो आग के गोले में बदल जाती है। इसकी लपटें इतनी तेज होती हैं कि विस्फोट वाले क्षेत्र में काफी गर्मी और विनाशकारी प्रभाव होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बम की लपटें इतनी तेज होती हैं कि ये मिनटों में एक बड़े इलाके को तबाह कर सकती हैं। इस बम की खासियत यह है कि यह एल्युमिनियम को भी पिघला सकता है।

कितना शक्तिशाली है हाइड्रोजन बम

15 मई 1957 को ब्रिटेन ने अपने पहले हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था। हालांकि, इससे पहले 1952 में अमेरिका दुनिया के सबसे खतरनाक बम का परीक्षण कर चुका था। हाइड्रोजन बम की ताकत बहुत विनाशकारी होती है। यह ऐसा बम है जो मानव जाति को नष्ट कर सकता है। यही वजह थी कि इस हथियार को हासिल करना अपने आप में किसी कामयाबी से कम नहीं था। इसकी वजह यह है कि हाइड्रोजन बम परमाणु बम से 1000 गुना ज्यादा शक्तिशाली होता है। जब हिरोशिमा पर पहला परमाणु बम गिराया गया था, उस समय 1,40,000 लोग मारे गए थे और करीब 70 शहर पूरी तरह से तबाह हो गए थे। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितना शक्तिशाली हो सकता है।

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कौन से देशों के पास हाइड्रोजन बम हैं?

हाइड्रोजन बम एक तरह का परमाणु बम है. इन दोनों बमों में मुख्य अंतर विस्फोट प्रक्रिया का है. पहला हाइड्रोजन बम 1 नवंबर 1952 को बनाया गया था. इसका परीक्षण मार्शल द्वीप के एक छोटे से द्वीप पर किया गया था. कुछ समय पहले उत्तर कोरिया ने भी हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था। वर्तमान में यह बम आधिकारिक तौर पर अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, भारत, इजरायल और पाकिस्तान के पास है।

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