India News (इंडिया न्यूज), Wrestling Church: यह तो हम सब जानते हैं कि चर्च एक पवित्र स्थान है, जहां ईसाई समुदाय के लोग अपने प्रभु ईसा मसीह की पूजा करते हैं। उनके साथ अपने सुख-दुख साझा करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी चर्च में पेशेवर कुश्ती होती है और पहलवानों को एक-दूसरे का जबड़ा तोड़ते देख लोग तालियां बजाते हैं। शायद नहीं सुना होगा, लेकिन इंग्लैंड में एक ऐसा चर्च है, जिसे कुश्ती चर्च के नाम से जाना जाता है। जब आप इसके पीछे की वजह जानेंगे, तो यकीन मानिए आप दंग रह जाएंगे।
उत्तरी इंग्लैंड के शिपली शहर में स्थित इस चर्च का असली नाम सेंट पीटर्स एंग्लिकन चर्च है, जिसे 37 वर्षीय गैरेथ थॉम्पसन ने बनवाया था। उनका मानना है कि ईसा मसीह और कुश्ती की वजह से ही उनकी जान बची है, इसलिए उन्होंने दोनों को एक जगह लाने का फैसला किया। थॉम्पसन के चर्च में हर महीने कुश्ती का आयोजन होता है, जिसके जरिए बुराई पर अच्छाई का संदेश दिया जाता है।
क्यों कराई जाती है चर्च में कुश्ती?
थॉम्पसन के मुताबिक, चर्च में होने वाली सभी लड़ाइयां स्क्रिप्टेड होती हैं। हालांकि, इन कुश्ती में शामिल सभी पहलवान पेशेवर होते हैं। थॉम्पसन का कहना है कि वह कुश्ती करवाकर लोगों को अच्छाई और बुराई के बीच का अंतर समझाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, जब मैंने ईसाई धर्म अपनाया तो मैंने कुश्ती की दुनिया को ईसाई नजरिए से देखना शुरू किया। इसके बाद मैंने सोचा कि क्यों न कुश्ती के जरिए ईसाई धर्म की कहानियों को व्यक्त किया जाए।
चर्च जाना कम कर रहे हैं लोग
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में चर्च जाने वाले लोगों की संख्या लगातार घट रही है। 2021 की जनगणना में पाया गया कि इंग्लैंड और वेल्स में आधे से भी कम लोग अब खुद को ईसाई मानते हैं। वहीं, एक दशक में किसी भी धर्म को न मानने वालों की संख्या 25% से बढ़कर 37% हो गई है। यही वजह है कि थॉम्पसन ने लोगों को चर्च तक लाने के लिए यह रोमांचक गतिविधि शुरू की। दिलचस्प बात यह है कि इसके बाद लोगों को चर्च जाना पसंद आने लगा।
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सेंट पीटर्स एंग्लिकन चर्च में एक रिंग बनाई गई है, जिसके चारों ओर दर्शकों के लिए कुर्सियां लगाई गई हैं। हाल ही में हुए कुश्ती मैच को देखने के लिए करीब 200 लोग चर्च आए थे। पहले सभी ने एक साथ प्रार्थना की और फिर दो घंटे तक कुश्ती का लुत्फ उठाया।