India News (इंडिया न्यूज), Vasundhara Oswal Ugandan jail: भारतीय मूल के अरबपति व्यवसायी पंकज ओसवाल की बेटी वसुंधरा ओसवाल ने आरोप लगाया है कि युगांडा की जेल में सलाखों के पीछे बिताए गए करीब तीन हफ्तों के दौरान उनके मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया गया। वसुंधरा ओसवाल अपने पिता के एक पूर्व कर्मचारी के अपहरण और हत्या के झूठे आरोपों में जेल में थीं। पंकज ओसवाल की कुल संपत्ति करीब 3 बिलियन डॉलर यानी करीब 24,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। आलीशान जिंदगी जीने वाले ओसवाल के पास अपना निजी जेट और लग्जरी कारों का शानदार कलेक्शन है।

वसुंधरा पर लगा था ये आरोप

26 वर्षीय वसुंधरा पर पिछले साल अपने पिता पंकज ओसवाल के पूर्व कर्मचारी मुकेश मेनारिया के अपहरण और हत्या का झूठा आरोप लगाया गया था। मुकेश मेनारिया बाद में तंजानिया में जिंदा पाए गए थे। समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए वसुंधरा ने कहा, “मुझे पांच दिनों तक हिरासत में रखा गया और दो और हफ्तों के लिए जेल में रखा गया। मेरे मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया गया। उन्होंने मुझे नहाने भी नहीं दिया और मुझे भोजन और पानी से वंचित रखा। मेरे माता-पिता को मुझे भोजन, पानी और बुनियादी जरूरतें मुहैया कराने के लिए वकीलों के जरिए पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ी।”

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शौचालय जाने की भी नहीं थी इजाजत

उसने दावा किया कि एक समय ऐसा भी था जब उसे सजा के तौर पर शौचालय भी नहीं जाने दिया जाता था। वसुंधरा को 1 अक्टूबर, 2024 को गिरफ्तार किया गया और 21 अक्टूबर को जमानत दी गई। उसने दावा किया कि पुलिस ने बिना किसी वारंट के उसके परिसर की तलाशी ली। वसुंधरा ने कहा, “जब मैंने उनसे वारंट दिखाने के लिए कहा, तो उन्होंने कहा कि हम युगांडा में हैं, हम कुछ भी कर सकते हैं, तुम अब यूरोप में नहीं हो। फिर उन्होंने मुझे अपने निदेशक से मिलने के बहाने इंटरपोल में अपने साथ जाने के लिए मजबूर किया। मैं उस दिन नहीं जाना चाहती थी, इसलिए एक पुरुष अधिकारी ने मुझे उठाकर अपनी वैन में फेंक दिया।”

लगाया ये गंभीर आरोप

उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बिना किसी आपराधिक वकील के बयान देने के लिए मजबूर किया गया। वसुंधरा ने कहा कि बयान देने के बाद उन्हें एक कोठरी में हिरासत में लिया गया और उनसे 30,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान करने और अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अदालतों से बिना शर्त रिहाई का आदेश मिलने के बाद भी उन्हें 72 घंटे तक अवैध हिरासत में रखा गया।

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युगांडा सरकार को लेकर कही ये बात

वसुंधरा को बाद में बताया गया कि उन पर अपहरण और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया जा रहा है और उन्हें उच्च न्यायालय के बजाय निचली मजिस्ट्रेट अदालत में ले जाया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें जेल में डाल दिया गया और यह पता चलने के बाद भी कि वह व्यक्ति (मेनारिया) जीवित है, उन्होंने मुझे इन आरोपों के तहत जेल में रखा। मेनारिया 10 अक्टूबर को मिला। मुझे एक या दो सप्ताह बाद जमानत मिल गई।

वसुंधरा को 21 अक्टूबर को जमानत मिल गई लेकिन उनका पासपोर्ट 10 दिसंबर को वापस कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि युगांडा सरकार अपनी गलतियों को सुधारें। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 19 दिसंबर, 2024 को वसुंधरा के खिलाफ मामला खारिज कर दिया गया।

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