गुजरात: गुजरात में चुनाव की तारीख करीब आ चुकी है, ऐसे में सभी पार्टियां जनता के दिलों में अपनी जगह बनाने के लिए कोशिश में जुटी हुई हैं, पहले गुजरात के रण में सिर्फ भाजपा और कांग्रेस आमने सामने रहती थी लेकिन अब आम आदमी पार्टी भी इस रण में कूद पड़ी है. मुकाबला अब और तेज़ हो गया है.

अगर हम बात करें दक्षिण गुजरात की तो ये सत्‍ताधारी पार्टी भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि यहां पर आम आदमी पार्टी और स्‍थानीय आदिवासी समुदाय ने सरकार के विभिन्‍न प्रोजेक्‍ट्स के खिलाफ विरोध हो रहा है। इस वजह से आने वाले विधानसभा चुनाव में यहां पर भाजपा की राह में थोड़े रोड़े पड़ सकते हैं..बता दें कि गुजरात में पहले चरण के तहत 1 दिसंबर को कुल 89 सीटों पर मतदान होना है। इनमें से 35 सीटें दक्षिण गुजरात की हैं। दक्षिण गुजरात की जिन सीटों पर पहले चरण के दौरान वोटिंग होनी है उनमें भरूच, नर्मदा, तापी, डांग, सूरत, वलसाड, नवसारी भी शामिल हैं।

आप के रण में आने से चुनाव और भी रोचक

अगर हम नज़र डालें 2017 के विधानसभा चुनाव में तो भाजपा ने यहां पर 35 में से 25 सीटों पर बाजी मारी थी जबकि कांग्रेस ने आठ और भारतीय टाइबल पार्टी ने 2 सीटों पर जीत दर्ज़ कराई थी। अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व 14 सीटों में से भाजपा ने 5 सीटों पर ही जीत हासिल की थी। बता दें कि गुजरात का जो आदिवासी बहुल इलाका है वो पहले भी भाजपा के लिए कुछ मुश्किलों से भरा रहा है।

इस बार के चुनाव में विपक्षी दलों ने कई सारे वो मुद्दे उठाये जिससे आदिवासी नाखुश हैं. हालांकि यहां के शहरी इलाकों में लोगों ने भाजपा को सपोर्ट किया है।पिछले स्‍थानीय निकाय के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने गुजरात में अपना झंडा बुलंद करने की अच्छी कोशिश की, इस पार्टी ने ने यहां पर चुनावी लड़ाई को और रोचक बना दिया था। आम आदमी पार्टी ने सूरत नगर निगम की 27 सीटों पर जीत दर्ज कर दूसरी पार्टियों को भविष्‍य में चुनौती देने के संकेत दिए थे। कांग्रेस इसमें अपना खाता भी नहीं खोल सकी थी।

राहुल गांधी ने भी ले ली एंट्री

आपको बता दें कि बार आम आदमी पार्टी बिलकुल एक्टिव हो चुकी है. राहुल गांधी जो अब तक चुनाव प्रचार प्रसार में नहीं गए थे वो भी कल प्रचार करने पहुंचे। भारत जोड़ो यात्रा को रोक राहुल गांधी ने गुजरात में अपनी रैली की, जहां भाजपा पर जैम कर हमला बोलै गया, वहीं भाजपा भी किसी मुद्दे पर कांग्रेस को बक्श नहीं रही, गुजरात का ये चुनाव बहुत ही दिलचस्प होने वाला है, जीत का लड्डू किसे मिलता है ये 8 दिसम्बर को सामने आ ही जायेगा