India News (इंडिया न्यूज),Bakrid News: बकरीद के मौके पर मशहूर देवबंदी उलेमा व जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने एक भड़काऊ बयान दे दिया है। दरअसल, उन्होंने एक तरफ मुसलमानों से अपील की है तो दूसरी तरफ उन्होंने उन लोगों को नसीहत दी है जो कुर्बानी पर टिप्पणी दे रहे हैं। साथ ही, उन्होंने सोशल मीडिया पर कुर्बानी को लेकर चल रही बातों पर भी टिप्पणी की है। मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने कहा, ‘जो लोग यह कहते हैं कि जानवर की कुर्बानी की जगह कुछ और किया जाए यानी केक काटें, उन्हें यह समझना चाहिए कि शरीयत में ईद-उल-अज़हा की कुर्बानी का कोई विकल्प नहीं है। यह एक इबादत है, रस्म नहीं और अल्लाह की इबादत को अपने ज़ाती ख्यालात और सुविधाओं से नहीं तोला जा सकता।

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हिंदुओं पर साधा निशाना

इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने कहा, ‘जो लोग जानवर की कुर्बानी के खिलाफ ज्ञान बांट रहे हैं, उन्हें पहले अपने घर के फ्रिज में झांककर देखना चाहिए कि उसमें कितना मांस रखा हुआ है। किसी मजहबी अमल पर सवाल उठाने से पहले अपने किरदार और नीयत की जांच करनी चाहिए। इसके अलावा कट्टर मौलाना ने कहा कि किसी भी धर्म विशेष की धार्मिक परंपराओं को निशाना बनाना सामाजिक सौहार्द के लिए खतरनाक है। हमें चाहिए कि हम अपने गिरेबान में झांके और दूसरों के धर्म का सम्मान करें।

मुसलमानों को दी नसीहत

उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि हर मुसलमान जो कुर्बानी देने में सक्षम है, उसे याद रखना चाहिए कि कुर्बानी अनिवार्य है, लेकिन साथ ही स्वच्छता और सामाजिक जिम्मेदारी भी धार्मिक व्यक्ति का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी को दिखावे का साधन नहीं बनाया जाना चाहिए। जानवरों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करना, जानवरों को सड़कों पर घुमाकर हंगामा करना शरीयत और सभ्यता दोनों के खिलाफ है। कुर्बानी अल्लाह के लिए है, इंसानों को दिखाने के लिए नहीं।

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